Post of 6th March 2024
इस साल चीन ने अपने रक्षा बजट में 7.2% की बढ़ोतरी करी है क्योंकि राष्ट्रपति शी जिनपिंग चीन की सेना (PLA) को अधिक शक्तिशाली बनाना चाहते है। अंतर्राष्ट्रीय विश्लेषक लिखते हैं कि चीन का कुल मेलेटरी बजट उसके आधिकारिक रक्षा बजट से लगभग 30-35% अधिक है।चीन मे मिलिट्री अनुसंधान और विकास, अर्धसैनिक बल और coastguard का बजट सैन्य बजट से अलग है।
भारत रत्न नरसिम्हा राव ने 1992 मे मस्जिद शहीद कर 1993 जुलाई में अपनी अल्पमत सरकार को बचाने के लिए शिबू सोरेन से घोटाला कर अपनी सरकार को 265 वोट लेकर बचा लिया और अगस्त 1993 मे चीन जाकर भारत का नक़्शा LOC को LAC बना कर हमेशा के लिए बदल दिया।
लोग कहते हैं कि नरसिम्हा राव ने लाइसेंस राज ख़त्म कर देश का विकास किया यह ग़लत है। 1990 के दशक में दुनिया में कम्प्यूटर, मोबाइल के कारण भारतीय बेरोज़गारों को नौकरी मिली और service sector का विकास हुआ और लोगों को तरक्की नज़र आई। दुनिया के हर देश ने 2-3% GDP मोबाइल और कम्प्यूटर से अपने देश को दिया।
मगर चीन ने नरसिम्हा राव के 1993 agreement को दुनिया को दिखा कर अपने देश में अमेरिका और यूरोप से service sector के अलावा manufacturing sector में बेतहाशा निवेश (Foreign Direct Investment) करवाया और बीस साल तक 10-12% विकास करता रहा, आज चीन हर क्षेत्र मे भारत से 6-7 गुना ज़्यादा विकसित है।
हम लोग 30 साल से हिन्दु-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद, ज़ात-पात कर देश की अर्थव्यवस्था और सैन्य शक्ति का विकास नही किया, जिस का नतीजा हुआ देश मे हर तरह का बिखराव आ गया, बेरोज़गारी बढ़ गई, दुनिया को #मज़दूर निर्यात कर दस साल से #प्रवासी_भारतीय का ढोल पिट कर देश को विश्वगुरु बनाने का सपना देखाते रहे।
भारत रत्न नरसिम्हा राव के 1993 के नक़्शा बदलने के बाद चीन पुनः मई 2020 विस्तारवादी हो गया मगर भारत का हर बुद्धिजीवी या पत्रकार चुप हैं, मंदिर का ढोल पिट रहा है।
#वर्तमान सरकार या भविष्य की कोई सरकार अगले दस (10) वर्ष भारत में बेरोज़गारी ख़त्म नहीं कर सकती है क्योंकि मोबाईल और कम्प्यूटर के तरह कोई New Technology का आविष्कार दुनिया मे अभी नही हुआ है, जो रातों रात विकास पैदा करे।
#वर्तमान सरकार या भविष्य की कोई सरकार अगले दस (10) वर्ष चीन या मिडिल ईस्ट के देशों के तरह भारत का विकास नही कर सकती है क्योंकि भारत में हिन्दु-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद का ज़हर पर्याप्त मात्रा में हवा में प्रवाह कर गया है जिस के कारण कोई देश भारत में निवेश (Foreign Direct Investment) नहीं करने वाला है और न कोई बड़ा उद्योग लगने वाला है।
#नोट: नीचे Financial Times, London का दुनिया का रक्षा बजट का आँकड़ा देखिये, जहॉ चीन का रक्षा बजट भारत से 3.6 गुना ज़्यादा है।सऊदी अरब जिस की आबादी 1.5 करोड़ है उस का रक्षा बजट $73 billion लगभग भारत के बराबर है।