FB Post of 9-11-2020

हम कोविड के बाद लिख रहे थे दुनिया मे अब एक नया अर्थशास्त्र (Economics) जन्म ले गा जिस मे mixed economy (private+public sectors) होगा और पूराने अर्थशास्त्री जो कैपटेलिज़्म की सोंच रखते हैं उन को अपनी सोंच बदलनी होगी।

चीन वैसा ही कर रहा है। चीन ने 1981 से अपने “विकास दर” GDP (जीडीपी) का फोरकास्ट किया और हमेशा उस से ज्यादा विकास किया। केवल 1989-90 मे रूस के टूटने के वक्त दो साल कम हुआ।

इस बार चीन ने अपने 2021-25 की योजना मे जीडीपी का कोई फोरक्साट नही किया है। राष्ट्रपति शी जिंपिंग ने कहा है चीन का GDP अगले पॉच साल मे 4.7-5% ही रहे जो पिछले 30 साल मे सब से कम होगा।नीचे 1981-2025 तक का GDP forecast (लाल लाईन) और achievement (ब्लू लाईन) मे गौर से देखें।

शी जिंपिंग ने कहा 2035 तक चीन की अर्थव्यवस्था “Dual Circulation” से डबल यानी दुगना हो जाये गी। डूऐल सर्कूलेशन का मतलब internal consumption को बढ़ाये गे और चीन की अर्थव्यवस्था को विदेश के लिये खोल कर निर्यात को बढ़ाये गे। विदेश से आयात भी बढ़ाये गे ताकि विदेश से संबंध बना रहे और दोनो तरफ़ा circulation of growth और विकास हो।

यह एक तरह के बडे Corporate Strategy के सोंच कर योजना बनाई गई है क्योकि चीन मे अब ग़रीबी ख़त्म हो गई है, लोग विदेशी सामान को खरीदे गे।

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अब आये भारत जहॉ सात साल मे सब सरकारी कम्पनी और बैंक को लूटा दिया गया और जब कोरोना के मार से अर्थव्यवस्था और बैंक का पोल खुल कर सब के सामने आया तो हम लोगो ने “आत्मनिर्भर भारत” का नारा लगा दिया।

मेरा कहना है अदवाणी, अरून नेहरू (राजीव गॉधी), नरसिमहा राव, पुलिस विभाग, आईऐऐस, संघ परिवार के विचारक-प्रचारक लोगो ने 40 साल (1977 जनता पार्टी के सरकार के समय से) देश का नेव हिलाना शुरू किया जो अब मोकम्मल हिल गया है। अभी देश में कोई नेहरू और इंदिरा नही है जो देश को इस दलदल से निकाल दे।

अमेरिका के चुनाव से भारत को कुछ नही मिलने वाला है क्योकि बाईडेन अगले चार साल अमेरिका की बर्बाद अर्थव्यवस्था का जनाज़ा ही ढोते रहें गे।