यूपी के मुख्यमंत्री शहजादा सलीम जोगी जो मोगल राज के नाम-पता को बदल कर 22 करोड की जनता को चार साल से मूर्ख बना रहे हैं वह अब गाय-माता के तस्करी पर बंगाल चुनाव मे नारा लगा रहे हैं।
सात साल हो गया संघ और बीजेपी के मोदी सरकार को सत्ता मे आये मगर आज तक पूरे देश मे #गौकशी बंद करने का कानून नही बना मगर चुनाव और हिन्दु घर्म से गाय को जोड कर मुस्लिम समाज को चिढ़ाने के लिय “गाय हमारी माता है और गफूरवा उस को खाता है” यह नारा आज 50 साल से #चीन के गलवान और अरूनाचल मे आने के बाद भी लग रहा है।
चितपावनी लोग जब मिस्र से समुंदर के रास्ते कोंकण मे आ कर बसे तो सारे भगवानो को भी वहॉ से ले कर आये और दो हजार साल मे पूरे भारत के हर समाज को सुविधा अनूसार थमाते गये। उसी मे उत्तर भारत के समाज जो बाद मे राजपूत कहलाया उस को भगवान राम और गाय माता थमा दिया।
नीचे मिस्र के पिरामिड से कॉसा (Bronze) की मूर्ती मिली है वह 320 BC की है। इस मे एक आम आदमी कमल के फूल के शक्ल के बने नाद मे खाना दे रहा है जहाँ देवी आईसिस (Goddess Isis) पंख फैलाये खड़ी हैं, जिन के माथे पर सूर्य भगवान का ताज है।
दूसरी तसवीर देखिये जिस मे “भगवान बाबी” (God Babi) हैं जिन कि शक्ल बंदर की है। मिस्र मे जानवर के शक्ल और आदमी के शरीर के बहुत देवी और देवता हजारो साल पूजे गये थे।
मिस्र के बादशाह तूत, King Tut, 1334-25 BC (reconstructed face) और योगी आदित्यनाथ के तसवीर मे समानता देखये!
बाक़ी तो रिसर्च के बाद “देश वापसी” का विषय है!