Post of 25th December 2021
आज सोवियत यूनियन के टूटने का 30वॉ वर्ष है।
आज ही के दिन, 25 दिसंबर 1991 को सोवियत संघ के सांसद लोगो ने एक रिजूलेशन ला कर टूटने का प्रस्ताव पास किया।राष्ट्रपति गोर्बाचोव ने त्यागपत्र दिया और बोरिस येल्सटीन रूस के राष्ट्रपति बने।फिर रूस के संसद भवन (White House) पर फहरते हुए यूएसएसआर का लाल झंडा (सिक्कल, हथौड़ा) उतारा गया और तीन रंग का रूस का झंडा फहराया गया।
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री मार्ग्रेट थैचर ने कहा था सोवियत संघ का टूटना 20वी सदी का सब से बडा अलमिया/घटना (catastrophe) था। कल रूस के सांसद ने कहा है कि वह लोग संसद मे एक रिजूलेशन पास करे गे:
“सोवियत यूनियन का टूटना 20वी सदी का सब से खराब अलमिया/सानेहा था ताकि रूस के भविष्य के नस्ल के लिए यह यादगार (memorable) रहे।” (लिंक कौमेंट मे पढ़े)
जानते हैं यह रिजूलेशन क्यो पास हो रहा है? यह प्रस्ताव चीन के 21वी सदी के उदय के कारण पास हो रहा है।चीन रूस का पड़ोसी है और वह 21वी सदी का आर्थिक और सैन्य महाशक्ति हो गया।
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तीस साल बाद भारत के नये संसद भवन मे भी एक प्रस्ताव पास होगा कि “सौ साल की सोंच के कारण जो समाज मे बाबर के खेलाफ ज़हर घोल कर दिल को अंधा किया गया वह 21वी सदी का भारत के लिए एक अफ़सोसनाक सानेहा था जिस कारण भारत 130 करोड आबादी के बावजूद दुनिया मे अछूत हो गया”
Happy Christmas, all the best in 2022.
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