प्रधानमंत्री मोदी जी ने आज दिल्ली मे एक सम्मेलन मे कहा है कि उन देशो पर जुर्माना लगाना चाहिए जो आतंकवाद को अपने विदेशनीति का हिस्सा बना कर आतंकियों से सहानुभूति रखते हैं और उस को राजनीतिक, आर्थीक मदद देते हैं। (लिंक कौमेंट मे पढें)
*मोदी जी ने बहुत सही समय पर सही बात कही है।तुर्कीया के राष्ट्रपति अरदोगान यही बात कह रहे हैं कि “अमेरिका, यूरोप, फ्रांस, ग्रीस, स्वीडेन, फिंलैण्ड आदि देश आतंकवाद को फैलाते रहते हैं।” यही कारण है कि तुर्की के गृह मंत्री ने चार दिन पहले टीवी पर आकर इसतांबूल मे हुए आतंकी हमले पर अमेरिका के संवेदना (condolence) को मान्ने से इंकार किया।
*दो दिन पहले तुर्की के कहने पर स्वीडेन ने अपने संविधान मे संशोधन किया है कि वह “आतंकवाद को स्पोर्ट” नही करे गा और जो करते हैं उन को स्वीडेन मे पनाह नही दिया जाये गा।
*फ्रांस जो मानवाधिकार और फ्री स्पीच का नारा लगाता है वह पेरिस मे दुनिया के आतंकियों का पनाह देता है।1995 के रवांडा नरसंहार के आतंकी को पेरिस मे रहते हुऐ नाती-पोता पैदा हो गया, मगर मैकरोन जेहादिष्ठ और इस्लामिस्ट को दोषी ठहराते हैं।
मोदी जी ने सही कहा उन देशो से जुर्माना वसूल करना चाहिये जो आतंकी पैदा कर पाकिस्तान मे “मुक्ति वाहिनी” और श्रीलंका मे प्रभाकरण को मद्द कर “तमिल टाईग्रस” बनाया था।बाकि तो अलक़ायदा का अमेरिका और ISIS का फ्रांस के मैकरोन का Lafarge Cement/ACC Cement दे गा।
#नोट: भारतीय जाहिल मिडिया का आतंक देखये।मोदी जी दिल्ली मे गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित एक सम्मेलन मे जुर्माना वाली बात बोले हैं मगर तस्वीर मोदी जी का G20 सम्मेलन का लगा दिया है ताकि भक्त समझें मोदी जी ने G20 मे कहा है।