Post of 19 September 2021
लंदन का पत्रिका दी एकौनोमिस्ट लिखता है कि चीन मे जनवरी मे अपने “पॉच वर्षीय योजना” मे जो एलान किया है, उस मे ज्यादा तर तो अपने मूल्क के तरक्की के योजना की बात है मगर एक चैपटर विदेश नीति पर भी है। विदेश नीति मे चीन ने अपने पॉच वर्षीय योजना मे लिखा है ” China will encourage to use of Chinese law abroad to resolve cross-border disputes”
यानी ताईवान हो या कोई दूसरा बोडर डिस्प्यूटेड हो चीन इसी पॉच साला योजना मे सब हल करे गा। इसी योजना मे ब्रह्मपुत्रा नदी पर तीन बॉध बनाने की भी योजना शामिल है, जिस को चीन 2024 तक पूरा करे गा (लिंक कौमेंट मे है).
इसी बीच हमारे बहुत बडे आदमी General ने “jointmanship between the Confucius/Sinic and Islamic civilisation” की बात करते हुऐ “Clash of Civilisation” की थ्योरी पर बल देते हुऐ Western world के लडाई की बात कर दिया है, जिस पर चीन ने नाराज़गी जताई है।
हम जब से होश संभाला है वेसट्रन मिडिया या पाकिस्तान मिडिया मे कलैश ऑफ सिविलाईज़ेशन की बात 1973 मे तेल के दाम बढ़ने पर सूना है। यही वेस्ट मुस्लिम सिविलाईज़ेशन से मिल कर रूस को 1990 मे तोड़ दिया और यही रूस तालेबान से मिल कर 15 अगस्त को अमेरिका को काबूल से बेइज़्ज़त हो कर निकाल दिया।
हम लोग मुस्लिम देश से 80% तेल और गैस लेते हैं और तरक्की किया तो अगले पचास साल मुस्लिम देशो पर निर्भर रहें गें। इस कारण हमारे सेना या दूसरे संस्थान को यह पूरी कोशीश करनी चाहिये कि मुस्लिम सिविलाईज़ेशन और पश्चिम के बीच टकराव हम नही होने दें क्योकि इस से सब से ज्यादा घाटा हम लोगो को ही होगा।
इसी से हम लिखते हैं भारत के बूद्धिजिवीयों को हर जगह मुस्लिम बूद्धिजिवी को रख कर उन से सलाह लेकर अंतर्राष्ट्रीय मामाला मे बोलना चाहिये क्योकि शी जिंपिंग, शाह सलमान, बराक और ट्रमप के बाद दुनिया बदल गई है।
#नोट: इस पोस्ट पर कौमेंट सोंच समझ कर दिजये गा।