#RUSSIA: रूस के सेचेनोव विश्वविद्यालय (Sechenov University) ने पिछले 20 साल मे टीका (वैकसिन) के उत्पादन के लिए नई अग्रिम तकनीक पर बहुत काम किया है, जिस के कारण बहुत कम समय में कोविद -19 का वैक्सीन दुनिया को बनाने में मदद मिल रहा है।

सेचेनोव विश्वविद्यालय का ज़िक्र है ने सफल कोविड वैकसीन बनाया है। यह विश्वविद्यालय ने एक नया टेकनैलौजी ऐजाद किया है जिस से अब किसी भी वैकसीन को बनाने मे 2-3 साल ही लगे गा। कहा जा रहा है कि रूस का यह आविष्कार वैसा ही है जैसे 1957 मे रूस ने आंतरिक्ष मे Sputnik भेज कर दुनिया बदल दी।इसी विश्वविद्यालय के गेमेलिया ईंस्टिचूट रूस मे अक्टूबर महीना से कोविड वैकसीन डाक्टर, नर्स और टीचर को सब से पहले देने का ऐलान किया है।

रूस ने S-400, सबसे उन्नत सरफेस-टू-एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम (एसएएम) विकसित किया है जिस का 2014 में चीन पहला विदेशी खरीदार बना। तुर्की ने रूस से मार्च 2020 में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ S-400 भी प्राप्त किया है। रूस के पास 5 वीं पीढ़ी का लडाकू सुखोई Su-57 सिंगल-सीट ट्विन-इंजन सुपरसोनिक स्टील्थ फाइटर है।

2019 में, राष्ट्रपति पुतिन और एर्दोगन ने रूस से तुर्की तक 910 किमी लंबी और काला सागर के नीचे से तुर्कस्ट्रीम (TurkStream) गैस पाइपलाइन का उद्घाटन किया। यह प्रति वर्ष 31.5 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीएमसी) गैस तुर्की को हस्तांतरित करेगा और अंकारा और इस्तांबुल में 1.5 करेड घरों की ऊर्जा के मांग को पूरा करेगा। पुतिन ने कहा है यह पाइपलाइन तुर्की को “यूरोपीय का ऊर्जा केंद्र” बना दिया।

दिसंबर 2019 में, राष्ट्रपति पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने साइबेरिया से पूर्वोत्तर चीन में प्राकृतिक गैस के परिवहन के लिए “पॉवर ऑफ साइबेरिया” नाम से 3,000 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन का उद्घाटन किया। यह पाइपलाइन अगले तीन दशकों तक पूर्वी साइबेरिया से चीन को गैस आपूर्ती करेगा जो रूस को  $400 बिलियन से ज्यादा का रेवेन्यू दे गा। इस गैस पाईप लाईन से चीन (38 बीएमसी) अब जर्मनी (58.50 बीएमसी) के बाद रूस का दूसरा सबसे बड़ा गैस का ग्राहक बन जाएगा। रूस पहले से कजाकिस्तान से गुजरते पाइपलाइन के माध्यम से चीन को गैस की आपूर्ति करता है।

#TURKEY: तुर्की ने कई वर्षो से अफ्रीका और मध्य एशियाई देश जैसे कजाकिस्तान, अजरबैजान के साथ अपने संबंध को बहुत मजबूत किया है। तुर्की ने 1998 में अफ्रीकी देशो से अच्छे संबंध बनाने के लिये एक बडी  कार्ययोजना शुरू किया था। तुर्की ने वर्ष 2005 को अपने यहा “अफ्रीका का वर्ष” घोषित किया और उसी साल अफ्रीकी संघ (एयू) ने तुर्की को पर्यवेक्षक का दर्जा दिया। पिछले वर्षो मे तुर्की ने सूडान, सोमालिया और कतर में अपने सैन्य अड्डे बनाये हैं।

2008 मे अफ्रीकी संघ ने तुर्की को अपना ‘सटरेटेजिक सहयोगी’ (Strategic partner) घोषित किया। उस के बाद तुर्की ने अफ्रीकी देशो के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए लाखों डॉलर का दान दे कर सहायता किया और सैकड़ों अफ्रीकी छात्रों को तुर्की में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति दिया। तुर्की ने अपने धर्मार्थ संगठन (Charity organisation) TIKA और Maarif Foundation के माध्यम से अफ्रीकी महाद्वीप में गरीब लोगो की सहायता कर तुर्की की उपस्थिति/पहचान को मजबूत किया।

तुर्की एयरलाइंस दुनिया के 126 देशों में 315 गंतव्यों के लिए उड़ान भरती है जो इसे दुनिया की सबसे बड़ी एयरलाइंस बनाती है। तुर्की एयरलाइंस अफ्रीकी के 39 देशों में 60 गंतव्यों मे उड़ान संचालित करता है।

अक्टूबर 2019 में, तुर्की-जॉर्जिया-अजरबैजान, ट्रांस-एंटोलियन नेचुरल गैस पाइपलाइन (TANAP) नामक 3500 किमी लम्बी गैस पाइपलाइन का उद्घाटन हुआ। TANAP तुर्की के 60 शहरों में गैस की आपूर्ति करेगा और 13,000 लोगों को रोजगार प्रदान करेगा। पिछले साल, नार्वे की तेल कंपनी ने तुर्की के थ्रेस बेसिन में एक बड़े गैस भंडार की खोज की है। क़तर ने पिछले तीन वर्षों में तुर्की में 20 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश किया है। वर्तमान में तुर्की-यूके व्यापार £18 बिलियन ($23) का है। तुर्की और रूस भविष्य में $100 बिलियन के व्यापार के लिए लक्ष्य बना रहे हैं। जारी……..

(मेरा पोस्ट 26-31 July 2020 का यह हिन्दी अनुवाद Javed Hasan साहेब ने किया जो 2-08-2020 को पोस्ट FB पर हुआ है)