11 August 2024

बंगलादेश का बोर्डर भारत और बर्मा से मिलता है और बर्मा का बोर्डर भारत, चीन, लाओस और थाईलैण्ड से मिलता है।बर्मा 1948 में आज़ाद होने के बाद से अपने यहॉ बुद्धिष्ठ, क्रिसचन, मुस्लिम, हिन्दु समाज को बाँट कर आज तक अराजकता में जी रहा है।

अगस्त 2017 में, म्यांमार सेना ने रोहिंग्या मुसलमानों का नरसंहार (Genocide) कर लाखों लोगों को बंगलादेश में शरणार्थी बना दिया। अभी अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (ICJ) में म्यांमार के सेना का नरसंहार का खेल चल रहा है और उमीद है कि सेना अधिकारियों को सज़ा होगी।

बर्मा मे चीन और पश्चिमी देशों की नज़र 1960 के बाद से रही है और वहॉ लोकतंत्र कभी नहीं पनप पाया और सेना ने हुकूमत किया।2021 मे सेना ने प्रधानमंत्री आंग सांग सू ची की सरकार का तख्तापलट कर सत्ता पर कब्ज़ा किया और वहॉ गृह युद्ध शुरू हो गया।

बर्मा और चीन के कारण उत्तर पूर्व में स्थितियाँ कभी शांतिपूर्ण नही रहीं, जिस के कारण बंगलादेश में भी उथल-पुथल होता रहा।

शेख़ हसीना जनवरी 2024 में चौथी बार बंगलादेश की प्रधानमंत्री बनीं और 9 जून को भारत शपथ समारोह मे आईं और पुनः 21-22 जून को सरकारी दौरा पर भारत आईं।

9-10 जुलाई 2024 को पॉच साल बाद शेख़ हसीना ने चीन का दौरा किया और $20 billion निवेश की वार्ता असफल होने के कारण एक दिन मे चीन से वापिस लौट आईं, और 5 अगस्त 2024 को शेख़ हसीना जान बचा कर भारत आ गईं।

सेना बर्मीज़ लोगों को मुस्लिम रोहिंगया को अपना दुश्मन बताती रही और नरसंहार करती रहीं मगर 1997 मे US Special Forces के पदाधिकारी ने Burmese-Karenni की Free Burma Rangers आर्मी बना कर प्रशिक्षण देना शुरू किया और उन को आज़ादी का ख़्वाब देखना शुरू किया।नीचे तस्वीर देखें वह पदाधिकारी कैसे हाथ जोड़ कर प्राथना कर रहा है और करवा रहा है, “Dear God, thank you……..” यह France 24 की documentary की तस्वीर है।

बर्मा के आज़ादी (1948) के बाद 2017 मे वहॉ रोहिंगया का चौथी बार नरसंहार हुआ है, मगर इस बार आख़री हुआ है क्योंकि पश्चिमी देशों (अमेरिका) के तरह चीन भी चाहता है कि बर्मा तीन-चार खंडों में टूटे ताकि भविष्य में बर्मा से चीन मे आतंकवाद पैदा नही हो।

1971 में बंगलादेश देश के जन्म के बाद राष्ट्रपति निक्सन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हेनरी किसिंजर ने बंगलादेश को एक Basket Case (बेकार देश) कह कर बदनाम किया था।

#नोट: बंगलादेश का हालिया उथल-पुथल अमेरिका और चीन का उत्तर पूर्व क्षेत्र में अशांति बनाये रखने का षड्यंत्र है, जिस बदले जियोपोलिटिक्स को शेख़ हसीना समझ नही पाईं और वह भारत-पाकिस्तान-रज़ाकार-अब्बा-अम्मा कर “backward-looking” politics करती रहीं, जिस का नतीजा है कि चीन ने अपदस्थ किया और अमेरिका ने बचाया नही।

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