पिछले 50 साल मे अमेरिकन बोईंग 747 और फ्रांस-यूरोप एयरबस A380 ने दुनिया मे हवाई सफ़र को बहुत ख़ूबसूरत और आसान बना दिया था। औसटरेलिया से अमेरिका बिना रूके 15 घंटा का सफ़र लोग करते थे। जापान का निप्पोन, अमेरिका का डेल्टा, ब्रिटेन का ब्रिटिश एयरवेज़, कंटास, पैन एम एयर लाईंस ने 747 से दुनिया के टूरिज़म इंडस्ट्री का नक्शा बदल दिया।
बोईंग 747 जिस की किमत $455 million थी, को दुनिया के सभी एयर लाईंस ने कोविड-१९ के महामारी से अगले पॉच साल के तबाही को देखते हुऐ कबाड़ खाना मे भेज दिया।यह दो मंज़िला जहाज़ मे 345 आदमी बैठ कर लम्बी दूरी का सफ़र तै करते थे। यह जहाज़ बडे एयर लाईंस की शान थी और यह पूरी दुनिया मे 350 थी जिस मे सब से ज्यादा 31 British Airways के पास थी।सब कबाड़ खाने मे तोड़ कर बेचा जा रहा है।
यही हाल Airbus A380 का होना है जो Boeing से ज्यादा 550 पैसिंजर ढोती थी। यह जहाज़ बहुत सुरक्षित था क्योकि इन सब मे चार ईंजिन था मगर इस दोनो जहाज़ को उड़ाने मे तेल बहुत खर्च होता था।
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Syed Imran Balkhi साहेब ने पिछले हफ्ता सऊदी अरब के तेल से बने Blue Ammonia के जापान के पहले खेप के पोस्ट पर लिखा था कि यह ब्लू अम्मूनिया अमेरिका की ऐविएशन इंडस्ट्री का अन्त कर दे गा और ब्लू अम्मूनिया से चलने वाला जापान का क्रायोजेनिक ईंजिन एयर लाईंस का भविष्य हो गा।
कोविड महामारी अब दुनिया मे एक नये अर्थव्यवस्था को जन्म दे गा और सभी देश की सरकार अगले पॉच साल अपने देश की कम्पनी और अपने लोग के बारे मे सोंचे गी। आज की खबर है टाटा के Air Asia को मलेशिया की कम्पनी ने क़र्ज़ा देने से इंकार कर दिया क्योकि एयर एशिया मलेशिया मे खूद घाटा मे चल रही है।
(My Post on Facebook on 5th October 2020)