17 July 2020 Post
अभी कोरोना महामारी मे अगर कोई टीवी चैनल है तो वह अल जज़ीरा (Aljazeera) है जो बेहतरीन इनटरविव, डौकेमेंटरी या खबर पूरी दूनिया की दे रहा है। बाकी सब दूनिया के चैनल जैसे CNN, BBC या चीन या फ्रांस के टीवी चार महीना से “कमरा” से बैठ कर न्यूज दे रहे हैं।
आज हम ने Aljazeera पर अमेरिकन अर्थशास्त्री रूबीनी का इन्टरविव सूना जिस ने 2008 के बर्बादी की बात 2007 मे की थी। वह कह रहे थे यह कोरोना 1930 के डिप्रेशन से बडी आर्थिक मंदी है जो दस साल रहे गी। हम बहुत दिन से कह रहे हैं, अभी कोरोना तो ख़त्म होने दिजये तब पता चले गा बर्बादी “कितनी, क्या और कैसे” हुई।
उनहोने ने एक बात कही की बर्बादी तो कुछ साल से बहुत देश को खोखला कर रही थी जिस के नतीजा मे फ्रांस, इटली, अमेरिका, एशिया मे लोग दंगा या रोड पर आ रहे थे मगर अब कोरोना की बर्बादी बहुत से देशो मे आंदोलन का रूप ले लेगा और सामाजिक तथा आर्थिक उथल-पथल होगा।
एक बडी बात कहा कि इस महामारी के बाद बहुत सा देश winner होकर निकले गा और बहुत देश loser होगा। उन्होंने सुझाओ दिया कि बडे देश को सामाजिक संतुलन बना कर रखना होगा, हूमेन कैपिटल, इन्फ़्रास्ट्रक्चर, ग्रीन एकोनौमी पर बहुत खर्च करना होगा तथा दूसरे देशो से मित्रता को बढ़ाना होगा।
रूबीनी के हर बात से हम सहमत है।Winner वाले देश मे हम एशिया मे तुर्की, मिडिल इस्ट, वैतनाम, चीन और यूरोप मे केवल जर्मनी को मानते हैं, Loser देशो की मेरी लम्बी लिस्ट है।
(नीचे की तस्वीर दो साल पूरानी है मगर आज भी सच्चाई यही है)