Post of 21 July 2022

फ़ेसबुक (FB) के एक बुद्धिजीवी मित्र ने हम को कहा कि “आप के आदरणीय विश्व प्रख्यात दार्शनिक डाक्टर साहेब के भारत के विश्वगुरू का सपना इस सरकार मे कभी पूरा नही होगा क्योकि प्रधान सेवक की आदत है कि वह चार कुल्हाड़ी विपक्ष के पैर पर मारते हैं और दो कुल्हाड़ी अपने पैर पर मार लेते हैं” उन्होने उन के बीस साल के बहुत सारे कारनामे का उदाहरण दिया।

हाल की घटना पर उदाहरण दिया कि विपक्ष ने राष्ट्रपति पद के लिए एक पूराने बीजेपी नेता को उतारा ताकि कुछ सराकर के लोगो का भी वोट अंतरआत्मा के आवाज़ से मिल जाये गा तो प्रधान सेवक ने आदीबासी द्रोपदि मुर्मू को उतार दिया और चार कुल्हाड़ी विपक्ष के पैर पर मार कर शरद पवार की राजनीति तथा महारषट्रा सरकार मे कुंजी दे कर उद्धव की सरकार तथा पार्टी की अर्थी निकाल दिया।

महाराष्ट्रा की कुंजी का नतीजा हुआ कि खेलौना बिहार, बंगाल, झारखंड, उड़ीसा मे नाचने लगा।नितिश कुमार, हेमन्त सोरेन, शिव सेना, त्रिमूल कांग्रेस और दूसरे विपक्षी नेता मुर्मू के पक्ष मे बोलने लगे और वोट किया।मगर अब भारतीय अर्थव्यवस्था की राजधानी मुम्बई मे विदेशी निवेश नही होगा।

निपुर के बदतमीजी के बीस दिन बाद विपक्ष पार्टी सेकुलर हो गई और हंगामा करा दिया और मिडिल ईस्ट से दो दश्क के लिए रिश्ता खराब कर दिया।प्रधान सेवक ने अग्निवीर, अग्निपथ का नारा लगा कर विपक्ष के पैर पर चार कुल्हाड़ी मारा और विपक्ष ने लड़कों से चार दिन मे ट्रेन जलवा कर हजारो हजार करोड का जीडीपी जला दिया। प्रधान सेवक के पैर पर दो कुल्हाडी लग गया क्योकि अमेरिका के Blackwater या रूस के Wagner Group के तरह बाद मे मरसेनरिज़ ग्रुप बना कर हम लोग भविष्य को जियोपौलिटिक्स मे विश्वगुरू का खेल नही खेल सकें गें।रक्षा मंत्री जो संघ के संजीदा और उप्र के प्रबल नेता थे उन का केरियर ख़त्म हो गया।

उप्र मे नोट बंदी कर मायावती, मोलायम के पैर पर चार कुल्हाडी मारा मगर पूरे देश की अर्थव्यवस्था ख़त्म कर अपने पैर पर दो कुल्हाडी मार लिया।लूलू खोलवा कर समाजवादी पार्टी के सेकूलरजिम पर चार कुल्हाडी मारा मगर नेमाज़ का टीवी पर दस दिन चलवा कर अपने पैर पर दो कुल्हाडी मार लिया, उप्र मे कोई विदेशी निवेश नही आये गा।

मुर्मू को राष्ट्रपति बना कर अपने पैर पर दो कुल्हाडी मार लिया, राष्ट्रपति विदेश जॉऐ गी तो भारत को क्या फायदा होगा यह बहुत बडा सवाल है?

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Some comments on the Post

Mozaffar Haque बहुत ही शानदार पोस्ट है.

  • Mohammed Seemab Zaman जानते हैं यह बात आप के फ़ेस बुक बुद्धिजीवी मित्र Syed Imran Balkhi साहेब का कुछ दिन पहले कहा हुआ है “प्रधान सेवक की आदत है, चार कुल्हाडी विपक्ष के पैर पर और दो कुल्हाडी अपने पैर पर मार लेते हैं”

Kamal Siddiqui बहुत सही लिखा है सर, चार कुल्हाड़ी मारते हैं तो दो कुल्हाड़ी ख़ुद को मारते हैं।विपक्ष को ख़त्म करने की सनक में विपक्ष को हल्का में लेे रहे थे उन्होंने लंका लगा दी जीडीपी जलाकर।

एम एम हयात आदिवासी नेताओं में भी कई इंटेलिजेंट नेता होंगी उनको ना बनाकर बिल्कुल ही ऐसी महिला को राष्ट्रपति बना दिया जो एक रबर स्टैंप से ज्यादा कुछ भी नहीं लग रही है.

Joginder Ranga बहुत सटीक विश्लेषण।

Hasan Rajput सर 💖.

Shashi Kant Tripathi एकदम सटीक सर, लेकिन अभी भी बहुसंख्यक लोगो की आँखे नहीं खुल रही है?

Mohd Shaan बेहतरीन विश्लेषण से भरपूर उम्दा पोस्ट “सर”. पुरानी कहावत है कि, अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना..संघीतकारों ने अब नई कहावत गढ़ी है कि दूसरों के पैरों पर चार कुल्हाड़ी मारना अपने पैरों पर दो कुल्हाड़ी मारना.

Anish Akhtar मतलब चार कुल्हाड़ी से ज्यादा खतरनाक दो कुल्हाड़ी है.. ये दो कुल्हाड़ी आखिरी कील साबित हो रही है..