FB Post on 29th November 2021

शुक्रवार को मिस्र के वैली ऑफ किंग्स, लक्ज़र मे 5,000 साल पूराने फेरऔनीक ओपेट त्यौहार (Opet Festival) का एक भव्य समारोह कर प्रदर्शन किया गया।

ओपेट त्यौहार 5,000 साल पुराने कार्नक मंदिर (Karnak Temple) जो मिस्र के प्राचीन सूर्य भगवान अमून-रा को समर्पित है के 3 किलो मीटर लम्बे “राम रोड” मे मनाया गया।इस राम रोड मे हजारो मूर्ती (Sphinxes) हैं।यह राम रोड 1949 मे खोदाई मे मिला और इस को 2005 से 2011 मे साफ सुथरा किया गया।

प्राचीन मिस्र मे राम को सूरज भगवान का अवतार माना जाता था।यह रोड भगवान राम के नाम पर है जो उस समय के वहॉ के तीन पवित्र त्रिमूर्ति भगवान अमून-रा (Amun-Ra), मूत (Mut) और खोंसू (Khonsu) के तीन मंदिरों को जोड़ती है। सूरज भगवान अमून की पत्नी देवी मूत थीं। इस रोड को “भगवान का रोड (Path of God)” भी कहा जाता था।

लक्ज़र शहर नील नदी के किनारे बसा फेरऔन का प्राचीन मशहूर शहर है जिस को आज दुनिया का सब से बडा ओपेन मयूज़ियम कहा जाता है। हर साल पूरी दुनिया से लाखों पर्यटक यहॉ मिस्र के 5,000-7,000 साल पूरानी सभ्यता, मंदिर, भगवान, देवी, देवता तथा पिरामिड देखने आते हैं।

मिस्र को हर साल टूरिज़म और टूरिस्ट से $13 billion विदेशी मुद्रा आता है जो मिस्र के GDP का 10% है और यह 20 लाख लोगों को रोज़गार देता है।मिस्र के स्यूज कनाल से दुनिया का 13% सामान की ढोलाई होती है।

#पहली तस्वीर 3 km लम्बे राम रोड की है जो रौशनी और लेज़र से जगमगा रही है।

#दूसरी तस्वीर मंदिरों के पुजारी धोती और जनेऊ पहने भगवान के दर्शन को जाते हुऐ।

#तीसरी तस्वीर कार्नक मंदिर के तालाब मे फेरऔनीक औरतो के लेबास मे नाचते हुऐ शुक्रवार के समारोह की एक ऐतिहासिक फोटोग्राफी है।

#चौथी फेरऔन के भगवा कपड़े मे नाचते हुए औरतो के मंदिर जाते जलूस की तस्वीर है।

(#नोट: भारत मे यह अब गंभीर शोध का विषय हो गया कि कौन कहाँ से आया?)
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Some Comments on the post

Mohammed Seemab Zaman हमारे आदरणीय विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक, धाराप्रवाह हिन्दी वाचक डाक्टर मोहन जी “हिन्द, हिन्दु होने का सभी भारतीय को प्रवचन देते रहते हैं और कहते हैं हम सब #हिन्दु है भले ही हमारी प्रार्थना या पूजा करने का तरीका विभिन्न हो।वह सच कहते हैं मुठ्ठी भर आक्रमणकारी हजारो साल से भारत आते रहे और वसुधैव कुटम्बकम होते रहे मगर उसी सॉस मे यह भी कहते हैं कि सब का DNA एक है। कृप्या अब समय आ गया है कि गहन शोध हो कौन कहॉ से आया? कौन पूजा पद्धति ले कर कहॉ से आया?

  • Sandy G इस कमेंट के साथ ये पोस्ट शेयर कर रहा हूं 🙏🏻 बराये मेहरबानी !!

Saurabh Prasad ब्राह्मण धर्म हाईजैक हो गया या ब्राह्मण लोगों का नया ठिकाना आर्कटिक से हट कर मिश्र हो गया??

  • Mohammed Seemab Zaman, Saurabh Prasad साहेब, नया शोध जो जर्मन आर्केलोजिस्ट लोगो ने इंडोनेशिया का किया है उस से यह पचा चला है कि अफ्रिका से अरब और आर्टिक वाया रूस इंडोनेशिया और थाईलैंड गये इस वजह कर वह लोग गोरे और दूसरे शक्ल के हैं।मगर यहॉ तो अफ्रिका से वाया बाब अल मंदिब से आये और दूसरे अरब होते हुऐ बहरैन से आये। बहरैन बहुत प्राचीन देश है।

Saurabh Prasad हजरत मूसा ने कहीं ब्राह्मणों को भी फेरोन से आज़ाद तो नहीं करवाया था!!!कुछ भाई इजराइल में बसे, कुछ भारत में??

  • Mohammed Seemab Zaman, Saurabh Prasad साहेब, यह तो अब शोध का विषय हो गया कि क्या केवल हज़रत मूसा एलैहिसलाम के ही वक्त मे लोग मिस्र से खदेडे गये या उस के पहले और उस के बाद मे भी यमन के बाब अल मंदब या मेसोपोटामिया से बहरैन होते हुऐ अफगानिस्तान और भारत आये।

Kamal Siddiqui शानदार सर, प्राचीन मिस्र में राम को सूरज भगवान का अवतार मानते हैं ये साफ़ हो गया कि चितपावनी अफ़्रीका से आए हैं। अभी Saurabh Prasad ji का कमेंट पढ़ा उनकी बातों से सहमत हूं कि मूसा अलैहिस्सलाम ने हो सकता है चित पावनियों को फिरौन से आज़ाद कराया होगा ये शोध का विषय है।इनकी घर वापसी कराके ही मानेंगे।

Shalini Rai Rajput इक्ष्वाकु वंश जिसमें राम से लेकर बुद्ध आते हैं उसे शकों के आगमन से जोड़कर देखिए। इंडोनेशिया, थाईलैंड की सभ्यता में इसकी छाप दिखाई देगी।यह वंश जिसे सूर्य वंश कहा जाता है उसने कहां से कहां तक का रास्ता तय किया यह जानकारी मिलना बाकी है।

  • Mohammed Seemab Zaman अभी जो इंडोनेशिया मे औरत की कंकाल से जो शोध सामने आया है, उस से तो कहा जा रहा है कि यह अफ्रिका से अरब आये और वहॉ से रूस (आर्टीक) होते इंडोनेशिया पहुँचें। उग्र के लोग रूस से माईगरेटेड हैं।

Kalim Khan कुछ साल पहले मैंने यूट्यूब पर एक ईरानी फ़िल्म देखी थी जो लगभग 45 भागो मे लगभग 40 घंटे की हैये फ़िल्म युसूफ अलैस्सलाम के ऊपर हैइस फ़िल्म मे ईरानी फ़िल्मकार ने बिलकुल यही चित्रण किया है चितपावनियो कीऔर ये भी बताया उसमे की उस दौर मे ही उन पंडो का मायाजाल टुटा था मिस्र सेक्या उस वक़्त भी ये पलायन किये थे वहा से?

  • Mohammed Seemab Zaman, Kalim Khan साहेब, नये अरब के जर्मन शोध से तो पता चल रहा है कि अफ्रिक से पलायन गो रासते से बडे तादाद मे हुआ। अब तो शोध से पता चले गा कब-कब पलायन हुआ?

Salimuddin Ansari Sir,कोनार्क में भी सुर्य मन्दिर है!

  • Mohammed Seemab Zaman कोनार्क का सूर्य मंदिर एक हजार साल भी पूराना नही है। कोनार्क का सूरज मंदिर 1248 AD मे बना। मिस्र का कारनक 5,000 से 7,000 साल पूराना है।
2.7 Km Rams Road in Luxor
Priests are going with Boat in long procession to offer in Amun-Ra, Mut and Khonsu temples.

Opet Festival in River Nile by Pharaonic Women
5000 years old Opet Festival in Egyptian Civilisation
Musical Instrument depicted in Karnak Temple.