Post of 25th March 2021

तीन दिन से मिस्र के स्यूज़ कनाल मे जापान का एक जहाज़ जो चीन के सामान से लदा (2 लाख टन भारी) यूरोप जा रहा था, वह लो टाईड के कारण सिलिप कर के किनारे से टकरा गया और रास्ता बंद है। आज जापान की Nippon कम्पनी आकर उसे निकालने की कोशीश कर रही है।सैकडो जहाज़ दोनो तरफ रूके हैं जिस के कारण आज तेल का दाम $60 से $63.5 हो गया।

यह स्यूज़ कनाल 1869 मे बना और 150 साल मे यह अभी तीसरी बार बंद हुआ है। इस रास्ते से हर साल 19,000 जहाज़ से दुनिया का 15% सामान जाता है। यह मिस्र के लिये टूरिज़म के बाद दूसरा बडा आमदनी का ज़रिया है।

पढा है 1869 के पहले ब्रिटेन के बडे घराने के लोग अपनी बेटी की शादी भारत मे रह रहे अंग्रेज से नही करते थे क्यकि अफ्रिका के समुंदर के रास्ते भारत आने मे तीन महीना लगता था, बेटी के छूट जाती थी।बंगाल, गोवा या दूसरे एलाके मे ऐंगलो इंडियन (Anglo Indian) के पैदा होने का यही कारण रहा।अंग्रेज यहॉ आकर हमारी (बंगाली) औरतो से शादी वगैरह कर लेते थे।यही कारण है एक अंग्रेज ने यह कनाल बनाया।यह कनाल बन्ने के बाद अंग्रेज हाकिम या परिवार को एक महीना से कम लगता था भारत आने मे।
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हमारे तेल मंत्री प्रधान साहेब कहते हैं कि OPEC+ कम दाम पर तेल हम को नही देता है तो अब हम अफ्रिका के नाईजेरिया, चाड, कैमरून से तेल खरीदे गें जो South Atlantic Oceans मे पडता है। रास्ता देखिये यह 16,000-19,000 Kms है जब की Gulf से आने मे कितना कम दूरी तै करना होगा।

यह याद रखिये गा हम 80-85% तेल बाहर से खरीदते हैं जो चिन्नई, विशाखापटनम, बंगाल और नेपाल भी जाता है।

किस ने कहा था संघ, अदवाणी, नरसिमहा राव आदि, इत्यादि को 1992 कॉड करने को?