FB Post of 25th March 2021

“मिस्र व बाबुल मिट गये, बाक़ी निशॉ तक भी नही
दफ्तर हसती मे उन की दास्ताँ तक भी नही”

मोहम्मद बदीउज्जमॉ साहेब ने इक़बाल के नज़म “गोरिस्तॉ शाही” के इस शेर को समझाते हुऐ लिखा है कि “मिस्र व बाबुल” यहॉ अहदे क़दीम सल्तनतों (प्राचीन साम्राज्य) के लिये लाया गया है, जो इन दोनो के सल्तनत के तारीख़ (इतिहास) से जुड़ी हैं। उन दोनो का अपने वक़्त मे फने तामीर, इल्म व फ़न और वस्त सल्तनत मे कोई सानी न था”

नीचे पहली तस्वीर किंग तुतनखामून के पिरामिड से मिली है जो मिस्र के भगवान ऐनुबिस (God Anubis) की है जो बाद मे ग्रीस के सभ्यता मे भी भगवान माने जाते रहे।इन की शक्ल “भेड़िया/सियार” की है और शरीर आदमी का है। यह कुत्ता के नस्ल के हैं जिस को वहॉ बहुत पवित्र माना जाता था और यह “God of death, mummification, embalming, the afterlife, and cemeteries” थे।

#दूसरी तस्वीर “सुफैद गिद्ध” की है जो वहॉ भगवान वेदियत (Wadiet) जो नॉग हैं के साथ वहॉ के राजा के मुकुट मे लगा रहता था। यह दो जानवर शक्ति के प्रतीक थे। वहॉ रानी इस का हार भी पहनती थी (1070 BC).

#चौथी तस्वीर उल्लू (Owl) की है जो मुर्दाघर मंदिर (The Mortuary Temple) के दिवार पर बनी है।

#पाचवी तस्वीर भगवान थूथ (God Thoth) की है जिस के सर पर नॉग लगा है जो वहॉ ज्ञान के देवता (Wisdom and art of writing) माने जाते थे।यह स्टैच्यू का पैर चॉदी का है और बदन पत्थर का है (525 BC).

बाक़ी तो शोध का विषय है……

God Anubis
God Wadiet (Cobra) and White Eagle
Owl