Post of 4th June 2022
नरम-सिन मेसोपोटामिया का चक्रवर्ती सम्राट था।नरम-सिन दो सींग वाली लोहे का ताज पहनता था।इतिहासकार लिखते हैं कि मेसोपोटामिया नदी-घाटी सभ्यता का एतिहासीक और मशहूर राजा नरम सिन था जिस का साम्राज्य यूरोप के ग्रीस के द्विप Crete तक फैला हुआ था।
नरम-सिन ने 2254-2218 BC मे 36 साल मेसोपोटामिया पर राज किया।नरम-सिन ने अपनी कामयाबी का ज़ागरोज़ पहाड़ी (Zagros Mountain) पर अपनी तस्वीर 4300 साल पहले 6 फीट ऊँचे पत्थर पर बनवाई थी जिस में 16 तीलियाँ (स्पोक) वाला चक्र था।
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उत्तर भारत के चन्द्रगुप्त मौर्य साम्राज्य (324-297 BC), जिस के बारे मे लोग कहते हैं कि वह पिछड़ी जाति के मोर नचाने वाले लोग थे और कुछ बिहारी कहते हैं कि वह कुर्मी जाति के थे। खैर मेरा मानना है कि यह शोध का विषय है कि चन्द्रगुप्त या अशोक किस जाति के थे? मगर लोग सिंधु घाटी के बिखरने के बाद सरयू, जमुना और गंगा नदी के तट पर आकर बस गये और अपने को मूल निवासी कहने लगे।
गौतम बुद्ध के तकरीबन 300 साल बाद मौर्य वंश के सम्राट अशोक जिस की दादी या मॉ सिकंद्र के जेनेरल की बहन थी, वह 36 साल (268-232 BC) बिहार के वैशाली से शासन किया।
दो सींग वाले सम्राट नरम सिन के दो हजार साल बाद अशोक का चक्र भी 16 तीलियों का पत्थर पर खुदा बिहार मे मिलता है (नीचे तसवीर देखे)
#नोट: अगर भारत को विश्वगुरू बनाना है तो हम लोगो को प्राचीन सभ्यता के नाम पर प्राचीन भारत का झूठा इतिहास गढ़ना बंद करना हो गा और यह शोध कर पता लगाना होगा कि उत्तर और दक्षिण भारत मे कौन कहॉ से आया और कौन सी चीज़ कहॉ से ले कर आया।
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Some comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman अब भारत का इतिहास सही करने का समय आ गया है क्योकि मिस्र का पिरामिड खूल रहा है और देवी देवताओ की मूर्ती निकल रही है और अरब मे भी बहुत पुरातत्व की खोज हो रही है। भारत मे उत्तर मे लोग सिंधु घाटी मे मेसोपोटामिया से आये और दक्षिण भारत मे बिंधयाचल पहाड के निचे मिस्र से आ कर बसे।
भारत मे तो सनातन धर्म का मंदिर तो भारत मे इस्लाम आने और मस्जिद और क़बर बनने के सौ साल बाद 728 AD मे शुरू हुआ।
- Mohammed Seemab Zaman, Please इस पोस्ट को खूब शेयर किजये ताकि सच्चाई लोग को पता चले।
Parmod Pahwa, Mohammed Seemab zaman सर हम तो मानते हैं कि उत्तर् भारत का पूर्व पंजाब और सिंध पार्शियन सभ्यता से प्रभावित रहा है। नरम सिन और सनातन/हिंदू विचार के नरसिंह भगवान को देखे तो दोनो मे समानता मिलती है।हिरण्यकश्यप (प्रहलाद का पिता जिसको जानवर जैसे नरसिंह ने नाखुनो से मारा था ) मुल्तान का अंतिम शासक था जिसे मूल निवासी कह सकते हैं। या जो सिंधु घाटी सभ्यता से जोड़ा जा सकता है।बाकी आपकी पोस्ट का कोइ फायदा नही है क्योकि हम गोबर पट्टी वाले भांड की कॉमेडी और फिल्मों को हिस्ट्री समझते हैं। दानिश्वरी के लिए अब जगह नहीं रही
- Shalini Rai Rajput, Parmod Pahwa जी भगवान विष्णु का कान्सैप्ट संभवतः मेसोपोटामिया से ही आया है।
Khursheeid Ahmad सर ईरानी राजा साइरस भी लोहे की दो सींग पहनता था उस की भी हुकूमत बलूचिस्तान से लेकर यूरोप तक थी. यह सींग वाले ताज पहनना क्या किसी चीज का सिंबल था ?
- Mohammed Seemab Zaman, भारत मे आदीबासीयों के यहॉ सींग वाले भगवान पाये जाते हैं। यह बिहार, झारखंड और उड़ीसा मे नज़र आता है।
- Mohammad Ibraheem, Khursheeid Ahmad दो छोर पर हुकूमत करने वाला.
- सिराजुद्दीन जैनुल खान, Khursheeid Ahmad आजाद पर आपका भरोसा है.
- Khursheeid Ahmad, Mohammed Seemab Zaman कुरान ने भी दो सींगों वाले राजा का जिक्र किया है ज़ुल करनैन मौलाना आजाद की तहकीक है कि वह महान साइरस है.
Mohd Jilani सर क्या यह माना जाए कि बौद्ध धर्म भी बाहर से आया है क्योंकि गौतम बुद्ध से पहले 58 बुद्ध की उम्र 40 साल के करीब मानी जाए तो 2000 साल के आसपास ही जाकर बैठेगी इस हिसाब से तो आप का इतिहास सही है
- Mohammed Seemab Zaman बौद्ध उत्तर भारत के भारतीय थे। गौतम बुद्ध ने कोई धर्म नही दिया बल्कि उन की Philosophy of life थी जिस तरह से चीन मे Confucius था। मगर हम लोगो ने भारत मे बाद मे धर्म बना दिया।
- Sandeep SolankiMohd Jilani 58 नही 28 बुद्ध हुए थे गौतम बुद्ध से पहले.
- Sanjay Nagtilak, Mohammed Seemab Zaman सर,दुनिया में जब तक मानव हैं तब तक कुशल धम्म और अकुशल धम्म बना रहेगा, ईश्वर ने कुछ भी बनाया नहीं, दुनिया में जो कुछ घटित होता हैं वो कार्यकारण भाव से होता हैं, यही तो बुद्ध ने कहा हैं.
Sandeep Solanki, Mohammed Seemab Zaman साहब मैने आपको पहले ही कहा था कि अशोक महान का इतिहास सिकंदर महान से जुड़ता है. रही बात सींग वाली तो जल्दी ही सनातन वाले कोई नए किताब लिख कर उसका हवाला देकर कहेंगे की ये तो हमारे पूर्वज थे और इसका इतिहास फलानी धीमकानी किताब में मिलता है. लेकिन ये लोग सच नहीं मानेंगे क्योंकि इनका राज़ खतम हो जायेगा
एम एम हयात रामायण में दावा किया गया है कि शत्रुघ्न जोकि राम के सबसे छोटे भाई थे उनको मेसोपोटामिया तक भेजा गया था युद्ध करने के लिए और वहां पर उसने लवणासुर नामक राक्षस का वध किया था. सिंधु घाटी सभ्यता के राजाओं को भी सींग वाला मुकुट पहने हुए बताया जाता है. पौराणिक हिंदू माइथोलॉजी के ड्रामा भी देखो तो उसमें राक्षसों को सींग वाला मुकुट पहने हुए दर्शाया जाता है
- Ansar Ahmad, एम एम हयात 32 दांतो के अलावा दोनों साइड में दो बड़े बड़े दंत भी पौराणिक कथाओं में दिखाए गए हैं वो कौनसी सभ्यता रही होगी.
- Parmod Pahwa, एम एम हयात साहब जिन लोगों ने सिंधु घाटी सभ्यता उजाड़ी थी उन्हे सिंग वाला दिखाने के पीछे यह वजह हो सकती हैं कि वो चारवाहे थे और ठंडे इलाको से आये थे तो जानवरो के चमड़े से शरीर ढ कते होंगे, हो स्कता है कि गाय जैसे बड़े जानवर की खोपड़ी से सिर का कवच बनाते हो क्योकि वेदो में भी गाय का मांस खाने का ज़िक्र है.
Shehaab Zafer आपके रिसर्च पर वाकई PhD करने की जरूरत है. सर बहुत सारी बातें और स्थापित किए गए तथ्य भरभरा कर ढह जाएंगे
Syed Shaad बहुत ही शानदार तहक़ीक सर.. आउटस्टैंडिंग
Anil Khamparia कहां से खोजते हैं ये खजाना।
- Mohammed Seemab Zaman पढ़ते रहते हैं, उसी मे से कुछ याद रखते हैं।
Sanjay Nagtilak नरम- सिन ने अपनी मूर्ति के साथ चक्र नहीं बल्की सूरज की प्रतिमा बनाई हैं. वो लोग सूरज को पूजन वाले थे.
प्रगति कुमार कौन कहाँ से आया, नहीं आया..मूलनिवासी वाली बहस ही झगड़ा के लिए है..अपनी श्रेष्ठता या ज्यादा अधिकार साबित करने के लिए..जबकि हिंदुस्तान में कई जत्थों में हजारों सालों में लोग आते रहे हैं..बसते रहे हैं..कोई पहले कोई बाद में..पूरी दुनिया में ही मानव सभ्यता ऐसे ही फैली है..मेसोपोटामिया में भी अफ्रीका से ही आये थे..देश उसमें रहने वाले सभी लोगों से मिलकर बनता है..इतिहास को तटस्थ होकर जानना समझना चाहिए.. भावनात्मकता जानकारी और ज्ञान का कबाड़ा कर सकती है..चाहे वह आपकी जाति, धर्म, क्षेत्र किसी से भी हो..
पुनश्च..
1.सेल्युकस की बेटी से चंद्रगुप्त मौर्य की शादी हुई..पर वो अशोक की अपनी दादी नहीं थी..
2. अशोक की राजधानी पाटलिपुत्र थी..वैशाली नहीं..
3. हिंदुस्तान में गुप्त काल से मंदिरों के बनने का चलन रहा है..उससे भी पहले मठों और स्तूपों के रूप में रहे हैं..मंदिर कम रहे ..