Post of 27 September 2022
आज जापान के पूर्व प्रधानमंत्री आबे शिंज़ो के अंत्येष्टि मे तकरीबन पॉच हज़ार लोग ने श्रधांजलि दिया जबकि 15,000 लोगो को सरकार ने इन के अंत्येष्टि मे निमंत्रण दिया था।
आबे जो अपने पार्टी मे दक्षिणपंथी सोच रखते थे वह जापान के सब से लम्बे अवधि के प्रधानमंत्री रहे और वह विदेशनीति मे “बहु संरेखण” (multi-alignment) के पक्षधर थे।उन्होने बराक ओबामा को पहली बार जापान के नागासाकी शहीद स्मारक मे बूलाया और ट्र्म्प को हिरोशिमा मे बूलाया ताकि सत्तर साल के आक्रोश को ख़त्म किया जाये।बराक ओबामा डेमौक्रेटस थे मगर अंदर से रिपब्लिकन पार्टी से ज्यादा दक्षिणपंथी सोच रखते थे।
आबे अपने पड़ोस मे चीन के आर्थिक तथा सैन्य शक्ति के उदय से जापान की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित रहे और जापान के राजनयिक दृष्टि (diplomatic vision) मे “बहु संरेखण” को बढावा दिया।वह ओबामा के बहुत निकट हुऐ जिस ने अरब स्प्रिंग (2011) कर अरब दुनिया को बरबाद किया, भारत के भी बहुत क़रीब हुऐ और बनारस मे गंगा आर्ती किया, औसट्रलिया के भी क़रीब हुऐ और चीन से भी बिज़नेस को नया आयाम दिया।
डिप्लोमेटिक विजन के साथ उन्होने “अबेनोमिक्स” (Abenomics) भी जापान के गतिहीन आर्थिक व्यवस्था (stagnant economic state) को जिंदा करने को दिया। अबेनोमिक्स का तीन आधार था, Gov’t Spending, Monetary Easing और Structural Reforms.
Gov’t spending के नाम पर सरकार के पैसा को विदेश मे खूब बॉटा जैसे भारत और इंडोनेशिया मे हाईस्पीड ट्रेन, मिस्र मे मयूज़ियम, सऊदी मे ग्रीन उर्जा आदि मगर भारत मे कोई कामयाबी नही मिली।भारत के दोस्ती से जापान के अर्थव्यवस्था को कोई भायदा नही हुआ।
आबे शिंज़ो के दक्षिणपंथी डिप्लोमेटिक विजन को कामयाबी नही मिली क्योकि नमस्ते ट्रम्प ने भारत की तरह जापान को भी AUKUS (Nuclear Submarine) मे पार्टनर नही बनाया।नतीजा हुआ आबे को हटना पडा, उन्होंने अपने दोस्त सूगा को प्रधानमंत्री बनाया मगर उन को भी हटा दिया गया और अभी किशिदा प्रधानमंत्री हैं।
बदले जियो पौलिटिक्स, यूक्रेन लडाई, तेल और गैस के बढे दाम तथा चीन का गैस के कारण रूस से दोस्ती प्रधानमंत्री किशिदा को भी सफल नही होने दे गा।
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Some comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman जापान की अर्थव्यवस्था को आबे की भारत मे गंगा आर्ती या हाई स्पीड ट्रेन के योजना से कोई फायदा नही हुआ क्योकि भारत की अर्थव्यवस्था चीन का तुष्टिकरण करती रही और देश मे दक्षिणपंथी सोंच को बढावा देती रही। नतीजा हुआ भारत मे वर्तमान सरकार अब एशिया मे बदले अरब देशो के assertive जियो पौलिटिक्स के आगे कामयाब नही होगी। वर्तमान सरकार को न खुदा मिला, न ही वेसाले सनम।
- Sandeep Solanki, Mohammed Seemab Zaman वैसे साहब जी दिल्ली मुंबई इकोनॉमिक कॉरिडोर जापान की देन है. गुड़गांव,मानेसर,बिलासपुर,धारूहेड़ा,बवाल,नीमराना,भिवाड़ी,अलवर,और इससे आगे भी ये सब जापानी जोन है जिसमे लाखों लोग काम करके अपना जीवन यापन करते है …ये सब जापान की देन है.
किसी ने भी नही सोचा था रूस यूक्रेन जंग का इतना बड़ा empact पड़ेगा। अब सारी दुनिया को दिखने लगा है । आबे जापान को डिफेन्स सेक्टर मे भी मजबूत बनाना चाहते थे क्युकी वो जानते थे कि उनका तनाजा एक तरफ रूस से कोरल आइलैंड को लेकर है तो दूसरी तरफ चीन से सेंचुरी ऑफ ह्यूमेलेशन को लेकर दोनो देश एक सुपर पावर है। इसीलिए उन्होंने डिफेंस पर भी बहुत काम किया ।
- Aquil Ahmed, Abdul Bari साहब , आबे की सोंच के साथ ही जापान अभी भी आगे बढ़ रहा. उंसने अपने रक्षा बजट पर अद्भुत बढ़ोतरी की है.
Tur Khan वेस्ट का खेमा एक बिमारी बन चुका है और जो अब भी उससे जुड़े हैं वे मानसिक बिमारी से पीड़ित हैं दूसरा खेमा इस वक्त संजीवनी का काम कर रहा है जो नहीं समझा वो जल्द ही भूतकाल में चला जाएगा। एर्दोगान को चाहिए कि अभी युक्रेन वॉर को पूरी तरह सीज़ करने की कोशिश को धीमी रफ्तार से करे।
Kamal Siddiqui अच्छी जानकारी वाला पोस्ट सर शुक्रिया. फोटो में साहेब लग रहे हैं 75 डिग्री मुद्रा में
- Mohammed Seemab Zaman इस मुद्रा मे केवल जापानी लोग और साहेब नज़र आये हैं। साहेब ने Extra हाथ भी जोड दिया। बाकी लोग फूल रखते थे और आगे बढ जाते थे।
DrShakil Ahamed Moin Behtareen.
- Mohammed Seemab Zaman बहुत से लोगो ने Abenomics का नाम सूना होगा मगर नही जानते होंगे कि यह क्या बला थी। यह बला थी:Government spending, Monetary easing, Structural reforms. आबे ने बहुत खर्च किया, दुनिया मे खूब लोन (loan) बांटा मगर देश मे कोई रिफौर्मस नही किया, इस वजह कर अबेनोमिक्स फेल हो गया।
Mohd Shaan बेहतरीन जानकारी “सर”
Joginder Ranga बेहतरीन पोस्ट सर
Anish Akhtar बेहतरीन..