पिछले दो दिन मे लेबनान में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों (Pager, Walkie-Talkies, Intercom, Mobile, Radio) में पिछले दो दशक के टेक्नोलॉजीकल डेवलपमेंट का जनाज़ा निकाल दिया।

पिछले एक दशक से मिडिल ईस्ट के तेल और गैस के महत्व को ख़त्म करने के लिए अमेरिका और यूरोप Climate Change का COP सम्मेलन में नाटक करता रहा।

सोलर ऊर्जा, विंड पावर, एलक्ट्रिकल कार (EV) आदि का ज़ोर शोर से हंगामा किया जाता रहा और नारा लगा कि 2050 तक पश्चिमी देश carbon neutral हो जाये गा।

जर्मनी विंड उर्जा का पंखा और टर्बाइन बनाने में दुनिया मे किंग बना बैठा था। मगर यूरोप मे कोरोना के समय हवा नहीं चली और विंड उर्जा का ज़वाल हो गया।अब ब्रिटिश पेट्रोलियम (BP) अपना अमेरिका में विंड पावर को $2 billion में बेच कर फिर तेल और गैस कं धंधा में अगले पचास साल तक बने रहने की योजना पर काम करने लगा।

चीन सस्ता सोलर पैनल, लिथियम बैट्री, एलेकट्रिकल कार (EV) बनाने में दुनिया का किंग बना बैठा था। दुनिया में हर देश हज़ारों हज़ार एकड़ मे सोलर पैनल लगा कर तेल और गैस के निर्भरता को ख़त्म कर “मिडिल ईस्ट को सूली पर चढ़ाने का ख़्वाब देख रहे थे।”

मगर एक देश 7 अक्टूबर को एक संभावित रूप से एक परिवर्तनीय गिरावट के रास्ते पर फंस गया और पिछले दो दिन मे इलेक्ट्रोनिक उपकरणों और सोलर पैनल को विस्फोट कर फिर “तेल और गैस” को इस शताब्दी के बदलती जियोपोलिटिकल युग का किंग बना दिया।

1973 के ऑयल इम्बारगो ने दुनिया मे “तेल को एक हथियार” बना दिया था जिस को ख़त्म करने के लिए जलवायु परिवर्तन का नाटक किया गया मगर पिछले दो दिन की लेबनान की ग़लती ने फिर 1973 के योम किपुर जंग की तरह पश्चिमी देश अपने ही पतन की ओर बढ़ गये।

ख़ुशी मनाये कि यह इलेक्ट्रॉनिक विस्फोट ने न केवल अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन किया है बल्कि सोलर पैनल को Space Technology का इस्तमाल कर जला कर फिर मिडिल ईस्ट को पिछली शताब्दी की तरह इस शताब्दी मे “King of Energy” बना दिया। भविष्य मे अब कोई देश सोलर ऊर्जा की दौड़ में अग्रणी नही होगा।

#नोट: *पिछले सप्ताह अफ़ग़ानिस्तान सरकार के मंत्री टर्कमनिस्तान जाकर TAPI (टर्कमनिस्तान-अफ़ग़ानिस्तान-पाकिस्तान-इंडिया) गैस पाइपलाइन को अफ़ग़ानिस्तान के कंधार तक बिछाने की बात पर हस्ताक्षर करके आये हैं ताकि भविष्य में अफ़ग़ानिस्तान ऊर्जा और उर्वरक में आत्म निर्भर हो जाये।

*खबर है कि टर्कमनिस्तान जो दुनिया में रूस, ईरान, क़तर, अज़रबाईजान, अल्जीरिया, के बाद पाँचवॉ गैस पैदा करने वाल देश है वह तुर्कि को ईरान के गैस पाइपलाइन से गैस यूरोप को देने की योजना पर काम कर रहा है।अगले पॉच सालो में तुर्किया दुनिया का “Gas Hub” बनता नज़र आ रहा है, जिस तरह से मिडिल ईस्ट तेल का केन्द्र है।