Post of 17th October 2024

#द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद बदली दुनिया में बुधवार 16 अक्टूबर को दो महत्वपूर्ण समिट हुआ। पहला समिट पाकिस्तान मे “Shanghai Cooperation Organisation” का हुआ जिस मे चीन, रूस और बेलारूस के अलावा सेंट्रल एशिया के चार देशों के प्रधानमंत्रियों ने भाग लिया, तथा टर्कमिनिस्तान के विदेश मंत्री भी मौजूद थे।

23वॉ एससीओ (SCO) समिट में सब से बड़ा व्यवसायी प्रतिनिधि मंडल रूस का था और दूसरे नम्बर पर चीन का था।चीन के प्रधानमंत्री चार दिन के दौरा पर पाकिस्तान 11 साल बाद आये थे और उन्होंने गवादर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का उद्घाटन किया और CPEC के कई परियोजनाओं पर दस्तख़त किया।

#दूसरा समिट 35 साल मे पहली बार European Union के मुख्यालय ब्रेसेल्ज़ मे गल्फ़ देशों (GCC) के साथ हुआ जिस मे क़तर के अमीर, ईयू कमिश्नर तथा वेनडर लीन ने मुख्य भाषण दिया।

क़तर के अमीर ने फलस्तीन के कत्ल-व-ग़ारत पर मौजूद यूरोपियन राष्ट्राध्यक्षों का ध्यान आकर्षित किया और एक स्वतंत्र राष्ट्र फ़लस्तीन जल्द बनाने को कहा।लेबनान पर इसराइली बमबारी की भी भर्त्सना किया।

यूरोपियन यूनियन की वेनडर लीन ने गल्फ़ देशों के साथ मिल कर निवेश, साईंस और टेक्नोलॉजी क्षेत्र मे काम करने की योजना की बात कही तथा मिडिल ईस्ट के Mines and Minerals में यूरोपियन टेक्नोलॉजी के उपयोग कर विकास की बात कही। वेनडर लीन ने India-Middle East-Europe Economic Corridor (IMEC) बनाने को कहा ताकि यूरोप से ट्रेड में आसानी हो।

यह समिट का असल मक़सद गल्फ़ देशों को रूस-यूक्रेन जंग में यूरोप का पक्ष लेने तथा ईयू द्वारा रूस पर लगे प्रतिबंधों का साथ देने के लिए हुआ था मगर गल्फ़ देशों इस पर कुछ नहीं बोले क्योंकि यूरोप के बहुत देश इसराइल के मार-काट का समर्थन कर रहे हैं।

समारोह के बाद खाना हुआ और 2026 में दूसरा “EU-GCC” समिट सऊदी अरब में होने का प्रस्ताव पास हुआ।

#नोट: 75 साल बाद अब इस बदली दुनिया मे फलस्तीन मुस्लिम देशों का प्रोब्लम नहीं रहा।यूरोप मे रूस-यूक्रेन जंग के बाद आज़ाद फलस्तीन देश बनाना यूरोप और रूस के लिए अब मजबूरी हो गया है क्योंकि मल्टीपोलर दुनिया में चीन आर्थिक, टेक्नोलॉजिकल तथा सैन्य शक्ति हो गया है।

नीचे France 24 TV का विडियो सुनिये जिस मे वह साफ़ कह रहे हैं कि EU-GCC Summit रूस के खिलाफ किया गया था मगर कोई सफलता नहीं मिली।