Post of 4 November 2022

इस हफ्ता के एकोनौमिस्ट, लंदन का KAL’s Cartoon यूरोप ओर अमेरिका मे रूस-यूक्रेन लडाई से बढे महगाई (inflation) को अमेरिका, इंगलैंड तथा यूरोपीयन बैंक द्वारा बढ़ाया गये ब्याज के बे-असर होने की बात बता रहा है।

मेरा कहना है कि यह KAL का कार्टून बिल्कुल सही कह रहा है।यूरोप और अमेरिका मे महँगाई बाज़ार या लोगो के पास अधिक पैसा आने, या 2007-09 मे बैंक लूट कर अमेरिका या यूरोप मे चुनाव जीतने, या कोरोना के कारण नही हुआ है ब्लकि यह यूक्रेन-रूस के लडाई के वजह कर पैदा गैस और तेल के बढते दाम का नतीजा है।

दो दिन मे यूरोपीयन बैंक (ECB), तथा अमेरिकन रिज़र्व बैंक (The Fed), बैंक ऑफ इंगलैड (BOE) ने 0.7 पॉइट ब्याज बढा कर यूरोप और अमेरिका के अर्थव्यवस्था को बरबाद कर दिया। मार्च मे अमेरिका मे ब्याज दर 0% था और नवंबर मे 3.75% कर दिया, इंगलैंड मे नवंबर मे 3% हो गया यानि उधोगपतियों तथा आम लोगो को 5-6% ब्याज पर कर्ज मिले गा।

जिस तरह से 1973 के अरब-इस्राईल लडाई से पहली बार उत्पन्न “उर्जा संकट” ने यूरोप और अमेरिका को 15 साल पिछे किया, यह उर्जा संकट 25 साल पिछे कर दिया।ब्याज बढ़ाने से यह बरबादी क़ाबू मे नही आने वाला है।यह महँगाई “उर्जा संकट” से पैदा हुआ है।

*1970s के उर्जा संकट से 1876 के बाद मुसलिम दुनिया फिर जिंदा हुई और यूरोप-अमेरिका के लोग रोज़ी रोटी के लिए मीडिल ईस्ट जा कर नौकरी करने लगे और 1990 मे सोवियत रूस टूटा।

*2007-09 के मंदी के बाद चीन एक शक्तिशाली देश बन कर उभरा।मीडिल ईस्ट, सेन्ट्रल एशिया के देश आर्थिक शक्ति हो गये।

भगवान अरदोगान को लम्बी उमर दे जिस ने इस लडाई से “अनाज संकट” पैदा नही होने दिया।बाईडेन को पुटिन से बात करना ही होगा और समझौता कर यह संकट ख़त्म करना होगा वरना चीन बहुत आराम से सुपर पावर हो जाये गा।