Post of 14 November 2022

तुर्किया के राष्ट्रपति ने कल ट्रकीक स्टेट (OTS) के मिटिंग मे कहा की ग्रीस, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, सविडेन आदि वेस्ट्रन देश “आतंकवादियों” को पनाह देते हैं।पूरी खबर कौमेंट के लिंक मे पढे।

लोग तुर्की मे आतंक फैला कर ग्रीस भाग जाते हैं और वहॉ से दूसरे यूरोपियन देश और अमेरिका चले जाते हैं और वहॉ की सरकार उन को पनाह देती है।यह कोई नई बात अरदोगान ने नही कहा है, बल्कि यह सत्य है।

फॉल ऑफ काबूल या यूक्रेन मे रूस के आने के पहले या 2016 मे अमरिका मे रह रहे आतंकवादियों ने अरदोगान के खेलाफ सेना का विद्रोह न कराया होता तो आज यह बात अरदोगान नही बोल सकते थे।अरदोगान स्वीडेन और फिंलैण्ड को NATO का सदस्य बनने नही दे रहे हैं जब तक दोनो देश तुर्की के आतंकवादियों को अपने यहॉ पनाह देना बंद नहीं करता है।रूस के डर से स्वीडेन झूकता नज़र आ रहा है।

मगर अब रूस द्वारा पैदा उर्जा संकट ने यूरोप और अमेरिका की Supremacy ख़त्म कर दिया है।तुर्की, रूस, चीन ने अमेरिका, यूरोप और फ्रांस को अफ्रिका से चुन चुन कर निकाल दिया है।हम आशा करते हैं कि अगले 5-6 साल मे अफ्रिका मे आतंकवाद ख़त्म हो जाये गा।

“बुत शिकन उठ गये, बाक़ी जो रहे बुत गर हैं

था ब्राहिम पदर, और पसर आज़र हैं” (इकबाल)

यहॉ “आज़र” की इस्तलाह से इक़बाल की मुराद बेहद मादह प्रस्त (materialistic) और गुमराह इंसान के हैं।

आज वेस्ट्रन देश अपनी इसी भौतिकवादी सोंच को कामयाब रखने के लिए झूठे मानवाधिकार का नारा लगा कर आतंकवाद पैदा कर दूसरे देशो को बरबाद कर अपना प्रभुत्व दुनिया मे सौ साल से क़ायम रखे थे जो अब ख़त्म हो रहा है।

https://www.dailysabah.com/politics/diplomacy/greece-us-some-eu-members-protect-terrorists-president-erdogan?fbclid=IwAR0J1pY9BW9asY1ibbJ2DrZ5zXsfe-oO4fAQVNvSnQGZXbbWpKJU28TPSwU