FB Post of 18 November 2019
In a hard-hitting editorial in The Hindu newspaper Dr Manmohan Singh said to his successor PM Narendra Modi that
“He should set aside his “deep-rooted suspicion of industrialists and entrepreneurs”, which has halted economic development and ruptured India’s social fabric”. The “toxic combination of deep distrust, pervasive fear and a sense of hopelessness in our society is stifling economic activity, and hence, economic growth”.
डॉ साहेब बहुत अच्छा किया आप सात साल चुप रहे और अब आप बोल रहे हैं। सही वक़्त का आप इंतज़ार कर रहे थे सच्चाई बोलने के लिए। आज जिस कारण भारत की अर्थव्यवस्था ख़त्म हुई उस की सही वजह आप ने बोल दिया “Economic development halted due to ruptured social fabric”.
आप ने अंग्रेज़ी मे लिख दिया, शायद इन को आप की बात पसंद न आये। मगर ऊपर वाले ने आप को लम्बी उमर दी है, आप इनकी सारी बरबादी “सकून” से देख लिजये गा। अल्लाह आप को सेहत और लम्बी उमर दे। यही वजह मेरे ज़हन मे रही थी और हम तीन साल से कहते रहे अर्थव्यवस्था ख़त्म हो गई अब यह दशकों नही सुधरे गा।
डॉं सिंह साहेब मेरे महरूम वालिद आप के बहुत बडे शयदाई थे आज उन की किताब से आप के लिए मोहम्मद इक़बाल का शेर नजर कर रहे हैं:
آزر کا پیشہ خارا تراشی
کار خلیلاں خارا گدا زی
“आज़र का पेशा खारा तराशी
कारे खलिलॉ खारा गोदाज़ी”