Post of 28th April 2023

फ़ॉल ऑफ खार्तूम वेस्ट्रन मुल्कों ख़ास कर अमेरिका, फ़्रांस, इंग्लैण्ड के मध्य पूर्व में दो दशकों के मार-काट और युद्ध की परिणति (Culmination) है।

फ़ॉल ऑफ काबुल (2021) एक ऐतिहासिक घटना थी जिस ने द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पश्चिमी देशों को एक भयावह झटका दिया है और सेंट्रल एशिया, मीडिल ईस्ट, अफ़्रीका के देशों को 1876 के बाद पुनः दुनिया की सियासत मे स्थापित कर दिया।

15 अप्रैल 2023 को सूडान में अचानक अशांति ने ब्रिटेन और अमेरिका सहित अधिकांश पश्चिमी सरकारों को आश्चर्यचकित कर दिया है।सूडान की अशांति पश्चिम देशों को यूक्रेन युद्ध के बाद एक और बड़ी चुनौती बन कर सामने खड़ी हो गई।

सूडान में नवीनतम अशांति का प्राथमिक कारण अमेरिका द्वारा सूडान के क्वाड का गठन है जिसमें अमेरिका-इंग्लैण्ड-यूएई-सऊदी अरब चार देश शामिल हैं। सूडानी क्वाड को बाईड़ेन-ब्लिंकन ने साउथ चाईना मे अमेरिका-जापान-ऑस्ट्रेलिया-भारत के क्वाड समूह के तरह बनाया ताकि सूडानी सेना के जनरल बुरहान और जनरल हमीती के रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) में हेरफेर करके लाल सागर (Red Sea) में अपना प्रभाव बनायें मगर यूएई के शासकों ने “फ़ॉल ऑफ खार्तूम” करा कर अमेरिका और यूरोप को आश्चर्यचकित कर दिया।

वर्तमान मे मीडिल ईस्ट और अफ्रीका के देशों में पश्चिमी स्टैंडिंग अपने निम्न स्तर पर है। अब मीडिल ईस्ट के देश ख़ास कर यूएई और सऊदी अरब पश्चिमी हितों की प्रवाह नहीं कर रहे हैं क्योंकि इस बदली दुनिया मे वह अपने आर्थिक प्रभाव का प्रदर्शन करने लगे है।

यूएई में चीन ने अपना नेवी अड्डा बना लिया है और ईरान-सऊदी अरब दोस्ती करा कर यमन, काबुल और पाकिस्तान में लड़ाई ख़त्म करवा दिया।कल चीन मे सेंट्रल एशिया के देशों के विदेशमंत्री की बैठक हुई जिस में चीन ने इन देशों में अपने बेल्ट और रोड (सिल्क रूट) के माध्यम से विकास और सुरक्षा की बात किया।

पश्चिमी शक्तियों द्वारा फ़िलिस्तीन में इसराइल की हिंसा का आँख बंद करके समर्थन करना और चीन का विश्व में एक आर्थिक और सैन्य शक्ति बन कर उभरना अमेरिका और वेस्ट के ज़वाल का कारण बन गया। 5-10 साल में इस नये दुनिया का आनंद सब को नज़र आने लगे गा।