FB Post of 18 October 2021
विजयादशमी के अवसर पर हमारे आदरणीय विश्व प्रसिद्ध दार्शनिक, धाराप्रवाह हिन्दी भाषी वाचक डाक्टर मोहन जी भागवत ने वही घिसा-पिटा भाषण नफरत फैला कर गर्व करने का दिया। डॉ० मोहन जी बोले “हजारो मिल दूर से मूठ्ठी भर लोग आये, हम से बरबर लोग आये और हम को पादोक्रांत करते चले गये।यह एक बार नही हुआ यह ब्रिटिश के राजा बनने तक यही हुआ”
मोहन जी बहुत सुंदर बोलते हैं, इन का हर वाक्य ह्रदय के गहराई से निकलता है और उच्च रौ से बोलते हैं।मगर अब अरब मे जर्मन पुरातत्त्ववेत्ता द्वारा यह शोध से साबित हो गया कि हजारो साल पहले अफ्रिका से खदेड़े गये लोग निकल कर बाब-अल-मंदब से भारत आये जिन की गर्दन छोटी और कमर के नीचे का हिस्सा चौडा होता है।
डॉ० मोहन जी “चाईनिज़ जेहाद” पर चुप्पी साधे हैं और 1923 मे औटोमन एम्पायर के विनाश के बाद सौ साल के सोंच को पाल कर आज तक लोगो को गुमराह कर देश को कमज़ोर कर दिया और चीन महाशक्ति हो गया।मोहन जी भाषण मे “हिन्द की चादर” बोल कर देश मे नफरत की टीस फैला कर गर्व महसूस करते हैं मगर अपने सरकार को पंजाबी सिख किसान जो 40% अनाज देश को खेलाता है उस की मॉग को स्वीकार कर आंदोलन ख़त्म करने की बात नही करते हैं।
रूस और अमेरिका-यूरोप के शीत-युद्ध के समय हम बच गये क्योकि हमारी सीमा रूस से नही मिलती थी मगर फिर भी हम लोग लाखो अफगानी रिफ्यूजी को 1980 के बाद रखा और संयुक्त राष्ट्र से $500 प्रति परिवार मिला।अब चालीस साल बाद अफगान समस्या ख़त्म हुआ तो मेरे जमीन और समुंदर सीमा पर “Indo-Pacific”, डोकलम, गलवान, उत्तराखंड, अरूनाचल प्रदेश, ब्रह्मपुत्रा आदी इत्यादि का तांडव चाईनिज जेहाद कर रहा है मगर फ्रज़ी देशभक्त नेता, विचारक, प्रचारक और बुद्धिजीवी सब चुप हैं।
भारतीय बुद्धिजीवी और दूसरे अमेरिका के क्वाड पर उछलते रहे मगर अमेरिका ने हम लोगो को न्यूकिल्यर पंडूब्बी AUKUS या Five Eyes (अमेरिका, यूके, कनाडा, औसट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड) मे नही शामिल किया।
नीचे नक्शा देखे और लंदन की पत्रिका The New Statesman का लिंक कौमेंट मे पढे और हर असली देशभक्त (नक़ली नही) बूद्धि से सोंचे कि अगर पंद्रह साल बाद इन्डो पैसेफिक मे न्यूकिल्यर लडाई हुई तो सब से ज्यादा क्षति हम भारतीय को होगा। अब तो चाईनिज जेहाद हिमालय मे चार डैम बना कर और हिमालय का पानी शींजियांग भेज कर हमारे विशाल ओर सुंदर ब्रह्मपुत्रा नदी को नाली बना दे गा।
अब समय आ गया है हम सब लोग ह्रदय से सोंचे यह सौ साल के भाषण से क्या मिला? पचास साल से बंगलादेशी घुसपैठिया का नारा लगाने से क्या मिला? जय हिन्द.
Some Comments on the Post
Ranjan Dixit Aashish Sir 15 साल बाद ही क्यो। चीन पड़ोस में तफरी करने तो आया नही है कुछ सोच कर करने के लिये ही आया है
- Mohammed Seemab Zaman सही लिखा चीन तफ़रीह करने करने थोड़े ही आया है वह सोंच कर ही आया है मगर हमारी सोंच आज तक नही बदली। हम तो भाषण सून सून कर ही आनंदमयिए और गौरवमयिए होते रहते हैं।
- Ranjan Dixit Aashish sir । इनकी सोच सिर्फ या तो कोई दुर्घटना जैसे चीन का साथ युद्ध ही बदल सकती है जब पब्लिक पीछे होगी। या फिर शायद राहुल खुद पावर में आये तब
Misbah Siddiki اسلام علیکم،
पंडित तुलसीदास, रामचरितमानस में एक लिखते हैं –
“जाको प्रभु दारुण दुख देहि, ताकी मति पहले हर लेहि”
अर्थात जिन्हें भी परमात्मा अतिशय कष्ट देने की ठान लेते हैं, उनकी बुद्धि पहले ही हर(छीन) लेते हैं।बतौर आकाशीय सज़ा इनकी अक्लों को मार दिया गया और इनके दिलों बसी नफ़रत ने इनके ज़हनोंदिल को अंधा कर इनकी सोचने समझने की सलाहियत को ख़त्म कर दिया है। बड़े कहते हैं कि कुदरत को न ज़ुल्म पसन्द न ज़ालिम। धाराप्रवाह भाषण से कुछ ज़्यादा फ़र्क़ नही पड़ने वाला। जो हवाएं बहना शुरू हुई है अनक़रीब उन्हें तूफ़ान बनना ही है। दरिया जब रुख मोड़कर रुख़ बदलते हैं तब कहीं न कहीं तबाही लाज़िमी होती ही है।बर्बाद आर्थिकी पहला इशारा है। जब सामूहिक बॉयिंग कैपॉसिटी मिनिमम (ख़त्म) हो रही हो तब परदेस में बड़ा जहाज़ कोई नही देखता। माली मफ़ाद ही बैनुल अक़्वामी रिलेशन्स की बुनियाद और उम्र तय करता है। चाइना जिहाद तो इस हद तक जा चुका है कि महबूब जब चाहे आशिक़ों का दम घोट दे क्योंकि आशिक़ की सांसें मेहबूब के यहाँ से आने वाले रॉ मैटेरियल्स पर टिकी हैं।
Skand Kumar Singh सर आइजक न्यूटन का “तीसरा नियम है।क्रिया के विपरीत प्रतिक्रिया होती है।हम सबने पढ़ा होगा।संघ,भाजपा,मोदी के ध्रुवीकरण के प्रयास रंग लाने लगे हैं।मुस्लिम देश,अमेरिका इस पर चेतावनी दे रहे हैं।बंगला देश में प्रतिक्रिया हो रही है।मलेशिया,इन्डोनेशिया से पॉम आयल में दिक्कत आई।तुर्की बत्तमीजी से कह चुका है।कशमीर में चुनाव करवाने ही पड़ेगें।पाकिस्तान में कहीं राष्ट्रपती शासन नहीं।कमला हैरिस व उनकी भाँजी हमें लोकतन्त्र का पाठ पढ़ाती है।एशिया में हमारा एक भी मित्र नहीं।नैपाल के बाद भूटान भी गया।पहली सर्जीक्ल से म्यामार भी नाराज हो गया।हमारे एशिया के दो पोर्ट छिन गए।ईरान व श्री लंका के।तीन साल बाद चीन का प्रभाव टॉप पर होगा।ओर मोदी की ध्रुवीकरण् नीति मुस्लमान के कारण हम रसातल में।चीन के प्रभाव से अरब देश हमसे अलग हो जाऐगें।अफगानिस्तान में अमेरिका नहीं भारत बर्बाद हो गया।अब वहाँ प्योर इस्लामिक सत्ता है।
- Mohammed Seemab Zaman Skand Kumar Singh साहेब यह सौ साल से धुर्वीकरण ही करते रह गये। किया क्या? गौर से देखये चीन ने बहुत तेज़ी से 2013 के बाद तरक्की किया है मगर मेरे यहॉ धुर्वीकरण कर लोग अपने को चाणक्य बनता रहा।लंदन का पत्रिका लिख रहा है कि इस खित्ते मे Indo-Pacific Ocean मे 15-20 साल मे न्यूकिलियर वार होगा और यह हैं कि 370 हटा कर चीन को बोला लेते हैं।
लोकेश सलारपुरी पूरी कोशिश के बावजूद भी ये लोग (नफरती चिंटू) देश की जनसंख्या के एक तिहाई अधिकतम थे ! हम दो तिहाई हिंदुस्तानियों को शर्म आनी चाहिए कि ये एक तिहाई नफरती चिंटू हम दो तिहाई हिंदुस्तानी जनता पर हावी हो गए !!
- Mohammed Seemab Zaman बिल्कुल सही लिखा यह एक तेहाई लोग हम दो तेहाई पर हावी हो गये। हम मे जो नफरती चिंटू बोडर लाईन पर थे वह उधर चले गये और बहुत बडी बरबादी कर दिया।
Adv Sayyed Abbas Haider ब्रह्मांड मे सब से ज्यादा कन्फ्यूजियाये हुए मुझे पशु डॉक्टर भाग मत जी ही लगते हैं!इनकी मस्तिष्क मोबाइल की तरह हैंग हो चुकी है कभी नीचे का ऊपर, तो ऊपर का नीचे कभी दाएं का बाएँ, और बाएं का दाएँ!उल्टी पलटी.. कभी सीधी कुछ नहीं पता कब क्या करना शुरू कर दें!खेर हैं तो अपने देश की धरोहर ही!हमारा क्या है… कहेंगे तोझोला लेकर पाकिस्तान या अफगानिस्तान चले जाएंगे!!
- Mohammed Seemab Zaman देखये यह अरूनाचल का सांसद जनवरी 2021 मे बोला है कि चीन ब्रह्मपुत्रा पर बॉध बना चूका और फिर चार बना रहा है (लिंक पढ लिजये) मगर कोई कुछ नही आज तक बोला और न मोहन जी कुछ संगयान ले रहे हैं। रोज उलटा सीधा भाषण दे कर सब को गुमराह करते रहते हैं।
Azaz Siddiqui सर, नई जानकारी आपके स्टेटमेंट “अफ्रीका से भारत आए लोगो की गर्दन छोटी और कमर के नीचे का हिस्सा चौड़ा होता है”. इसका पिक्टोरियल explanation मिल जायेगा??
- Mohammed Seemab Zaman Azaz Siddiqui साहेब, कभी अफ्रिका या मिस्र के मर्द या औरत से मिले हैं? अगर मिले होंगे तो देखा होगा गर्दन छोटी होती है और कमर के निचे का हिस्सा चौडा और भारी होता है। आज कल इंटरनेट का जमाना है मिस्री को देख लिजये।
Nadeem Hussain Syed Mohammed Seemab Zaman आप भी कया बात करते हैं सर, ब्रह्मपुत्र नदी नाला हो जाऐगी तो कया हुआ ? गंगा की सफाई चल रही है न, पानी को उत्तर पूर्व ले जाया जाएगा फिर वहा से अपने इलाके से बै आफ बंगाल मे direct विसर्जन, घुसपैठिए वाला देस तरसे गा वह अलग, positive बात नही है कया?
- Mohammed Seemab Zaman नाला से गैस निकले गा। आज का तेल का रेट मालूम है? WTI-Oil $83.61 & Brent $85.81 है। अब तो नाला के ही गैस से देश चलाना होगा। जो मूल्क 80-85% गैस और तेल विदेश से लेता है उस को Hydro Power की चिंता नही है बल्कि वही घिसा पिटा भाषण “इसलाम आक्रमणकारी” द्वारा भारत मे आया।
- Nadeem Hussain Syed सर यह हूई न positive बात “नाला से गैस” यह अलग बात है कि कोई बेचारा बोलेगा कि “सा€! छोटी गंगा बोल के नाला मे कूदा दिहिस”
Adv Irfan Rahim Ansari ब्रह्मपुत्र नदी भारत की जान है, रूह है, अगर ये हुआ तो ,लोग भूख से मरेंगे
20/10/2021 at 1:48 PM
Assalamo alaikum sir.
Ummid karta hu ap thik honge, busy hone ke karan fb band kiye hua hu, yahi se apka post padhta hu.
24/10/2021 at 7:25 AM
Walaikum Assalam,
Thanks. Zamaniyat per hum important post dalte hain. App yahan per hee parh lein.