Post of 29th May 2022
कल मौलाना महमूद मदनी के नफरत को मिटाने के भाषण को भारतीस मिडिया ने तोड ममोड कर कहा कि “मुस्लिमों को निकालना मुश्किल है”
यानि जो लोग खुद अफ्रिका से खदेडे गये, साथ मे वहॉ से भगवान भी छुपा कर लाये और भारत मे बिंधयाचल पहाड के निचे गुजरात और महाराष्ट्रा मे आकर बसे, वह समय समय पर बिना शोध किये भारत मे भगवान की जन्मभूमि बता कर नफरत फैला कर आज अपने को मूल निवासी बताने लगे।मगर वही लोग मोग़लो के बाद भी सैकडो साल मे भारत को विश्वगुरू नही बना सके।
नीचे तस्वीर देखये मिस्र के पुराने भगवान थूथ (Thoth) जिन को मैजिक, तंत्र और बूद्धि का भगवान माना जाता था वह बंदर के रूप मे भी मिस्र और अफ्रिका मे पूजे जाते थे।
निचे हज़ारों साल पूरानी थूथ भगवान के गरानाईट की मूर्ती इंगलैंड के Liverpool University मे है। दोनो बंदर एक दूसरे का मूँह बंद किये हुऐ हैं कि झूठ नही बोलो।
लोगो को याद हो गा बराक ओबामा जब भारत 2015 मे आये थे तो एक बंदर की छोटी मूर्ती जेब से निकाल कर लोगो को देखाया और कहा हम हर वक्त जेब मे रखते और हम लोग प्रसन्न हो गये हनुमान जी की मूर्ती देख कर, कहा यह अपना बंदा है।
आज भी अफ्रिका के लोगो मे यह आदत है काला जादू और टोना टोटका करने कि। कहा जाता है अभी भी अफ्रिकन लोग यह सब यूरोप और अमेरिका मे करते हैं।बहुत से अफ्रिका के लोगो के मूँह से हम ने यह सूना है।
हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गॉधी जी भी अफ्रिका से आने के बाद “तीन बंदर की मूर्ती” अच्छे शगुन के लिए अपने पास रखते थे।
#नोट: भारत मे जो पहले आये वह पहले जायें (FIFO rule), मौलाना महमूद मदनी का अंत मे नम्बर आये गा।
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