Post of 15 February 2021
कल Syed Imran Balkhi साहेब ने कहा चितपावनी ब्राह्मण इसराईल से आये हैं।बल्खी साहेब ने कहा प्रधांमत्री मोदी जी ने संसद मे इन्ही चितपावन के तरफ ऐशारा कर FDI (Foreign Destructive Ideology) कहा हैं।
बल्खी साहेब की बात सून कर हम ने यह पाया कि अभी तो इजिप्ट का 15-20 ही पिरामिड खूला है जिस पर हम ने तीन चार पोस्ट किया है और शक ज़ाहिर किया के यह चितपावनी वहॉ से ही आये।जब 40-50 पिरामिड खूले गा तो यह प्रमाणित हो जाये गा कि यह सारे चितपावनी वहॉ से आये थे और अपने साथ अपने सारे भगवानो को भी लेकर आये जिन की शक्ल आज के भारत मे भगवान और फ़ेरोज़ के उस वक्त के भगवान से मिलती जूलती है।
#पहली तसवीर मे फिरौन के पूजा-पाठ करने वाले लोग फिरौन के मरने पर “धार्मिक अनुष्ठान” करते हुऐ नज़र आ रहे हैं।सब धोती के साथ धागे का जेनेयू पहने हैं।
#दूसरी तसवीर मे भगवान होरस (God Horus), ओसिरिस (God Osiris) और आईसिस (Goddess Isis). क्या हनुमान जी भगवान होरस के तरह नही दिखते?
#तीसरी तस्वीर मे भगवान अनूबिस (Anubis) की हैं जो डरपोको को बचाते हैं और मरी हुई आत्मा को शांति देते हैं। “Anubis, the God who protects cowardly and the dead heart in last trial.”
#चौथी तस्वीर औरत भगवान नेपथाईस (Goddess Nephthys) की है जो भगवान सेठ (God Seth) की बहन और बीवी हैं।देवी नेपथाईस God Osiris और Goddess Isis की भी बहन हैं। क्या यह लक्ष्मी के तरह नही लगती हैं?
#पाचवी तस्वीर गाय है जो Goddess Hathor की है। यह पवित्र गाय के सर पर एक गोलाकार सूरज है और गले मे माला है।यह पत्थर पर बनी तस्वीर Pharaoh Thutmose III (1479-1425 BC) के समय की है जो क़ाहेरा के म्यूज़ियम मे रखी है।यानी वहॉ भी 3500 साल पहले गाय को भगवान मान कर पूजते थे।
#नोट: यह सब तस्वीर और मूर्ती पिरामिड से मिली है जिस पर यह सब लिखा मिला है।रथ और कुत्ता पर बाद मे लिखे गें।