Post of 3-10-2022
इन से मिलये, यह हैं दीपक मंडल #BBC Hindi के संवाददाता जो हेडलाईन दे रहे हैं कि “भारत आर्मेनिया को हथियार दे कर किस तरह से पाकिस्तान-तुर्की पर अंकुश लगाये गा?”
देखये यह मंडल साहेब अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ पोर्टल BBC पर “कुऑ के मेढक” वाली खबर आज सोमवार को परोस रहे हैं, जबकि इस आदमी को मालूम होना चाहिये कि कल आरमेनिया के विदेशमंत्री जेनेवा मे अज़रबाइजान का तलवा चाट कर “सीमा हदबंदी” की बात इसी महीना मे करने वाले हैं।
इस हिन्दी पत्रकार मंडल साहेब को पता नही है कि 27 सितंबर 2020 के लडाई मे तीस साल बाद अज़रबाइजान ने अपनी सारी जमीन जीत लिया और अभी Lachin corridor जो 20 किलोमीटर का रास्ता था उस पर शांदार रोड बना रहा है (निचे तस्वीर देखें)।
दीपक मंडल को पता नही है कि अज़रबाइजान का गैस पाईप लाईन (TANAP) तुर्की हो कर ग्रीस, ईटली और बुलगारिया जाता है और अभी यूरोप अज़रबाइजान के खेलाफ नही जाये गा वरना जाड़ा मे तुर्की गैस बंद कर दे गा तो यूरोप ढंड मे तबाह हो जाये गा मगर यह आदमी अपने लेख मे 2000 करोड के भारतीय रक्षा मंत्रालय के पिनाका मल्टी बैरल राकेट लॉन्चर आर्मेनिया को देने से तुर्की पर अंकुश लगाने की बात लिख रहे हैं।
दीपक मंडल आप हिन्दी मिडिया के पत्रकार हो भारत मे गाय-गोबर-पाकिस्तान पर सांप्रदायिक नैरेटिव बना कर लेख लिखये, हम को ऐतराज नही है।अंतरराष्ट्रीय सयासत को समझना और उस पर लिखना आप के बूद्धि के बाहर की बात है। मगर अंतरराष्ट्रीय मुद्दा पर बिना जानकारी के अनपढ़ के तरह लिख कर संप्रदायिक माहौल नही बनाये, इस से भारत को बहुत नोकसान होता है और “ग़रीबी-भूकमरी, बेरोज़गारी” बढ़ती है।
#नोट: मंडल साहेब नीचे हाल की कुछ अज़रबाइजान, आर्मेनिया, नगोरनो काराबाख की तस्वीर है, देखये और संप्रदायिक लेख लिखना बंद किजये।
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Some comments on the Post
Anish Akhtar शानदार …पहली बार आपको अग्रेसिव मूड में देखा है
- Mohammed Seemab Zaman, Anish Akhtar साहेब, जब हम ने यह हेडलाईन सुबह मे देखा तो बहुत ग़ुस्सा आया। हम तो यह सब खबर पर रोज नज़र रखते हैं मगर कुछ नही लिखते हैं क्योकि पता है झक मार कर यह लोग compromise करें गें। तस्वीर खैंच कर रख लेते हैं। बहुत सारी बात इस मे नही लिखा है।
Joginder Ranga भारत में पत्रकारिता का स्तर बहुत गिर चुका है सर। पत्रकारिता के महत्व और मुल्य को ताक पर रख कर सारे दरबारी हो गए हैं।
Shahnawaz Siddiqui इस लेख को BBC ने अप्रूव ही कैसे कर दिया?
- Mohammed Seemab Zaman यही तो हम को ताज्जुब है। इस ने इस हेडिंग को approve कैसे किया।
Neeraj Singh बहुत साल पहले मैंने रूपर्ट मर्डोक की जेनरलिज्म की हेरा फेरी को पढ़ा था, तब से महसूस होता है कि अखबारों और मीडिया हाउसेस के भी पर्सनल नेरेटिव्स होते है। बीबीसी हिंदी इस तरह की चाटुकारिता वाली रिपोर्टिंग से अलग नहीं है.
N. Huda सर मंडल के चक्कर में कहाँ पड़ गए.. बहुत बड़ा संघी है.. संघी भी रहे हमें दिक्कत नहीं है. लेकिन मुसलमानों को लेकर जो नफरत इसके अन्दर है वो समय समय पर दिख जाता है..
- Mohammed Seemab Zaman, N. Huda साहेब, हम ने आज पहली बार इस मंडल का लेख पढा, हम पहले कभी नही पढा था। आप ने तो देखा होगा 2020-21 मे मेरा बहुत सारा पोस्ट आर्मेनिया और अज़रबाइजान लडाई पर था। यह आदमी चला आर्मेनिया पर झूठ लिख कर सांप्रदायिक नैरेटिव बनाने।
- N. Huda, Mohammed Seemab Zaman जी सर ब्राह्मण पत्नी थी और रात दिन ब्राह्मणों को गाली देता है.
Misbah Siddiki हक़ शनासाई और हक़ गोई इन मंडल और कमंडल धारियों के बस की बात नही, क्योंकि डिवाइन पॉवर ने इनके आंख नही बल्कि दिल अंधे कर दिए हैं। कुदरतन, फितरतन ये लोग शऊर-ए -सियासत व क़यादत के ना अहल और नाक़द्र रहे हैं। आप सही कहते हैं ये कुआं के मेंढक ही हैं। कभी चाईनीज प्रेसिडेंट को हाउस अरेस्ट करवातें हैं तो कभी एमबीएस के महल बिकवाते हैं, कभी पुतिन को नानी याद दिलवाते हैं और गोबर लेप से रेडियो एक्टिव रेडिएशन से प्रोटेक्शन दिलवाते हैं।
- Mohammed Seemab Zaman, Misbah Siddiki साहेब, आप तो देखा है मेरा आर्मेनिया लडाई पर दो साल पहले का पोस्ट। हम आर्मेनिया पर इस लिए दिलचस्पी लिया कि मेरे साथ आर्मीनिया की औरतो ने काम किया है, बहुत चालाक होतीं हैं। अभी इस का प्रेसिडेंट सऊदी अरब गया था और वहॉ रो गा कर आया है। और यह मंडल नैरेटिव बना रहा है कि तुर्की पर अंकुश लगाये गा। अमेरिका और फ्रांस जहॉ आधे आर्मेनिया वाले रहते हैं वह अंकुश लगा ही नही सका और पूरा जमीन हार गया और यह लिख रहे हैं कि अंकुश लगे गा।
Farooq Khan यह जब भी कोई आर्टिकल लिखता है उपन्यास समझ कर ही लिखता है. इसके आर्टिकल पढ़ कर ऐसा ही आभास होता है. असल मैं इसको भ्रम की बीमारी है… अपनी कपोल कल्पनाओं को न्यूज़ समझने लगता है
- Neeraj Singh, Farooq Khan गोबर गणेश से इससे ज्यादा की उम्मीद भी नहीं। हमरी खोपडिया का एंटीना वही चीजे कवर करता है जिसके लिए हमारी खोपड़िया डिजाइन हुई है.
Prateek Rao सर जी इनको सलाह दीजिए कि ये सिर्फ मौजूदा चरणचंपन वाली चीता एंबुलेंस टाइप खबर लिखने के लिए ठीक रहेंगे..