दुनिया की चार रिवर वैली (नदी घाटी) सभ्याता ही प्राचीन दुनिया के इतिहास को दर्शातीं हैं।
#MESOPOTAMIA, TIGRIS-EUPHRATES VALLEY CIVILISATION
यह दुनिया की दूसरी बडी रिवर वैली सभ्यता है जो दजला (Tigris) और फेरात (Euphrates) नदी के किनारे आज के सिरिया और इराक़ मे बसी थी। यह भी 6,000 साल से ज्यादा पूरानी सभ्यता है।यह 4500 BC से ऊरूज पर रही और 325 BC तक रही।
मेसोपोटामिया सभ्यता मे असेरियन (Assyrian), सुमेरियन (Sumerian) और बेबिलोनियन (Babylonian) तीन साम्राज्य (Empire) रहे हैं।300 BC के बाद प्राकृतिक बदलाव के वजह कर लोगो के यहॉ से जाने के कारण यह सभ्यता विरान हो गया।
यह सभ्यता Astronomy और Mathematics दुनिया को दे कर गई।यहाँ 300 से ज्यादा देवी-देवता पूजे जाते थे।सुमेर साम्राज्य मे इनेना (Inanna) सब से ज्यादा पूजी जाने वाली देवी थी।इनेना को देवी इशतर (Ishtar) भी कहा जाता था मगर मिस्री सभ्यता मे यह देवी आईसिस (Isis) थी।इनेना को पंख, अग़ल बग़ल दो उल्लू और दो शेर पर खडी दर्शाया जाता है।मेसोपोटामिया मे इनेना के मंदिरों मे कुँवारी लड़कियाँ देव-दासी होती थीं फिर उनकी शादी होती थी।औरत के नाम से नस्ल चलती थी और वह जायदाद की वारिस होती थीं।
मेसोपोटामिया रिवर वैली सभ्यता मे ईश्वर या भगवान या देवी देवताओ आदि मे मानवी आकार या व्यक्त्तित्व या जानवर को आरोपित (anthropomorphise) किया जाता था जबकि मिस्री रिवर वैली सभ्यता मे जानवर का सर और औरत या मर्द का शरीर को कला कृति मे आरोपित कर पूजा जाता था।जैसे मिस्री सभ्यता मे देवी बासतेत (Goddess Bastet) का बिल्ली का सर और शरीर औरत का है।
मेसोपोटामिया के सुमेरियन साम्राज्य मे इतिहास मे पहली बार 4,000 BC मे क्योनूहफोरम (Cuneiform) जबान मे लिखना/तहरीर/ writings का ऐजाद हुआ।इतिहास मे पहली बार 4,000 साल पहले मेसोपोटामिया मे बच्चे का जन्म पत्र (Birth Certificate, 2000 BC) जारी किया गया जो खोदाई मे मिला है।
सैकडो साल पुजारी लोग क्योनूहफोरम जबान मे पूजा करते थे और यह एक तरह से Latin जबान के तरह रही।इराक़ का उरूक (Uruk) यहॉ का बहुत मशहूर प्राचीन शहर था जहॉ 4500 BC का जिग्गुरात (Ziggurat) मंदिर मिला है जहॉ वैटिकन के पोप फ़्रांसिस “अब्राहिमिक धर्म” को याद करने पिछले साल गये थे।
दुनिया मे पहली लडाई 2,700 BC मे सुमेरियन राजा ने एलम (Elem, 3,200-539 BC) राज्य जो परशियन (Persians) सभ्यता थी उस से लडा था। 300 BC के बाद मेसोपोटामिया रिवर वैली सभ्यता के लोग परशिया (ईरान) चले गये और बाद मे यह भी आर्यन कहे गये।
आखिर मे मोहम्मद बदिऊज़्ज़मॉं साहेब के किताब से इक़बाल के शेर पर इस दो पार्ट के पोस्ट को ख़त्म करते हैं:
“इस की ज़मीन बे हदूद, उस का ऊफ्क़ बे सग़ूर (ثغور)
उस की समुंदर की मौज, दजला व दयनूब व नील”