Post of 17th July 2022
#फ्रांस जहां 18वीं सदी मे लोकतांत्रिक क्रांति होनी बताई जाती है, वह फ्रांस बीसवीं सदी तक अपने मूल्क मे 13,000 यहूदियो को आज से 80 साल पहले 16-17 जुलाई 1942 को गिरफ्तार कर जेल और कैम्प मे मरने को रख देने की वर्षगाँठ/सालगिरह मना रहा है। तारीफ़ यह है कि 1944 मे अत्याचार के वह सारे काग़ज को पेरिस मे जला भी दिया गया ताकि सब सबूत ख़त्म हो जाये और लोग भूल जाये।
आज फ्रांस 80 साल से अल्जीरिया, माली, चाड और दूसरे अफ्रीकन मूल्कों मे कत्लो ग़ारत और यूरेनियम, सोना आदि खनिज के लूट में लगा है मगर राष्ट्रपति मैकरौन कहते हैं “इस्लाम मे बदलाव की ज़रूरत है।” धिक्कार है, फ्रांस के ऐसे लोगों पर।
#यूरोपियन यूनियन (EU) के बनने के बाद 1992-95 तक हज़ारो मुस्लिम को सर्बिया और बोसनिया मे मार दिया गया मगर यूरोप मे कोई सालगिरह नही मनाया जा रहा है (निचे 1995 मे सर्बिया मे औरतो की बेबसी देखें)
#इसी फ्रांस और इस्राईल के वजह कर आज 15 साल से लेबनान गृह युद्ध मे जल रहा है और ग़मज़दा माँ अपने बच्चो की तस्वीर लिए रोती नज़र आतीं हैं (निचे तस्वीर देखें).
80 साल बाद फ्रांस की प्रधानमंत्री एलिज़ाबेथ बोर्न जिन के पिता इस नरसंहार मे बच गये थे वह कह रही हैं दुनिया मे जहॉ भी एंटीसेमेटिज़म होगा उस के खेलाफ फ्रांस लडाई लडे गा।
क्या 70 साल मे अब तक लाखों फल्सतीनी मरे या उजाड़े गये या अभी जेरूसलम सरकार ने शीरीन अबू अक़्लें या अन्य 42 पत्रकार को 70 साल मे मारा उस के लिए भी प्रधानमंत्री बोर्न लडें गीं?
#नोट: अल्लाह बडा कारसाज़ है, 80 साल बाद यूरोप मे रूस-यूक्रेन लडाई शुरू हो गई और यही यूरोप तेल और गैस के संकट से बरबाद हो रहा है।किसी ने 80 साल मे नही सोंचा होगा कि कल बाईडेन सऊदी अरब से ख़ाली हाथ लौट जाऐं गें।हम लोग ख़ुशक़िस्मत हैं, जो सौ साल बाद इस बदली दुनिया को देख रहे हैं। सबरन जमील.
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Some comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman वक्त बहुत तेज़ी से बदल रहा है। पिछले चालीस साल से हम उर्दु नाम वाले हिन्दी अखबार और उर्दु सहाफ़त को पढ और देख कर दुनिया को समझ रहे हैं और तरह तरह का कौमेंट और तंज़ करते रहते हैं। आज कल तो और बरबादी उर्दु नाम वालों की विडिव देख कर खबर को समझने की आदत लग गई है। कोई किताब या इतिहास नही पढ़ता है short-cut ज्ञान लेकर अपने को उर्दु समाज का जानकार समझने लगता है। तालीम हासिल किजये, किताब खूब पढिये, बहुत अच्छा समय आ रहा है।
- Shehaab Zafer Love you sir.
Faysal Khan योरप और अमेरिका के होश अभी और ठिकाने आना बाकी है, शायद जाड़ों के बाद आ जाएं।वैसे सर आपने पहले ही कहा था कि अमेरिका को खाली हाथ ही लौटना पड़ेगा सिवाए अमेरिका में थोड़े इन्वेस्टमेंट मोहायदों के।
Khan Aftab और मुस्लिम्स के गले में ही टेरेरिस्ट का तमगा लटका दिया गया.
- Anish Akhtar, Khan Aftab यही तो बात है अल्लाह ने सब कुछ दिया मुस्लिम वर्ड को तो फिर ये षड्यंत्र समझते क्यो नही.
Tur Khan साहेब ज़ुल्म इतना सहा है मेरी बहनों मांओं और भाईयों ने और आज भी सह रहें हैं और ज़ुल्म करने वाले आज भी ज़ुल्म करने में लगें हैं. बस अल्लाह से दुआ है कि जो भी हमारे भाई बहन और मांऐ इनके ज़ुल्म की वजह से दुनिया से रुखसत हुईं हैं अल्लाह उनको जन्नत में आला से आला मक़ाम बिना हिसाब के अता फरमाए, आमीन।बेशक अल्लाह गफूरूर रहीम है और माफ करने को पसंद करता है।
Neeraj Singh अच्छी बात ये है कि न तो तस्वीर को बदला जा सकता है और न तदवीर को। इतिहास को दबाने की कोशिश सब कर चुके है पर बदल कोई नही पाया
- Anish Akhtar, Neeraj Singh साहब क्या नही है मुस्लिम वर्ड के पास खड़ा करे अपने मीडिया हाउस ओर बताये सही बात और पश्चिम के षड्यंत्र को करे बेनकाब लेकिन नही फिर भी पश्चिम के अंदर घुसे जा रहा है.
- Anish Akhtar, Neeraj Singh भाई पश्चिम ने हमेशा मुस्लिम पर जुल्म किया और दोष भी मुसलमानों पर डाल दिया यही नीति रही है पश्चिम की.
Anish Akhtar शानदार लेकिन ऐतिहासिक रूप से दुखद पश्चिम द्वारा मुसलमानों की कत्लों गारत के लिये मुस्लिम लोग या उनके रहनुमा खुद जिम्मेदार है क्यो नही संगठित होकर इनके षड्यंत्रों को समझते ओर जो समझते है वो क्यो इनके पिट्ठू बने रहे माफ करना साहब मेरी बात तल्ख हो सकती है लेकिन मुझे ऐसा लगता है.
Imran Qureshi आपकी पोस्ट से मेरे यही बात समझ मे आई है कि अल्लाह के घर देर हो सकती है लेकिन अन्धेर नहीं बेशक़ अल्लाह सबर वालों के साथ है और रहेगा इन्शा अल्लाह परवर दिगार की लाठी मे कोई आवाज़ नहीं होती है लेकिन जिसके पडती है उसके होश गुम हो जाते है जैसे अभी कि पश्चिमी देशों के हुए पड़े है यकिनन अल्लाह सबसे बड़ा कारसाज है उससे बेहतरीन प्लानर और कोई नही है.
Shalini Rai Rajput, बेहद तकलीफदेय
بے شک راستے مشکل سہی مجھے اللہ رب العزت پر یقین ہےکیونکہ وہ اللہ ہی تو ہے جو ہماری خاموش التجاؤں کو جان بھی لیتا ہے اور مان بھی لیتا ہے۔
جو ہر وقت ہر لمحہ ساتھ نبھاتا کبھی اکیلا نہیں چھوڑتا بے شک میرا رب العزت بہترین کارساز ہے