27 August 2022
कल मेरा पोस्ट यूरोप ओर ओबामा के अरब सप्रिंग पर था जिस मे हम ने लिखा था की दुनिया यूक्रेन लडाई से नही अरब सप्रिंग से बदली है। सब से पहले ओबामा ने टूनिशिया मे अरब स्प्रिंग शुरू किया फिर लिबिया और मिस्र मे किया था। मिस्र तो सँभल गया मगर लिबिया और टूनिशिया आज तक शांत नही हो सका।
फ्रांस के मैकरौन तीन दिन के अपन पूराने कौलोनी अलजेरिया के दौरा पर 90 आदमियों के क़ाफला के साथ हैं। काफला मे फ्रांस के गृह मंत्री, विदेश मंत्री, उर्जा मंत्री, खेल मंत्री, सांसद, इतिहासकार, बिजनेसमैन आदि इत्यादि का गरोह है।2019 के बाद यह दूसरा दौरा है मैकरौन का अलजेरिया मे।मैकरौन अपन पहले राष्ट्पति के टर्म (term) Sahel देश माली, चाड, निजेर का “इस्लामिस्ट/जेहादिष्ठ” के आतंक का नारा लगा कर खूब दौरा किया मगर सफलता नही मिला और इस महीना माली से फ्रांस की फौज की आखरी टुकरी को भी निकलना पडा। तुर्की और रूस ने फ्रांस के सभी पूराने कौलोनी से अफ्रिका से फ्रांस को निकाल बाहर किया।
अलजेरिया के राष्ट्पति दो साल मे दो बार तुर्किया का दौरा कर चूके हैं।पिछले साल फ्रांस के राजदूत को अलजेरिया से निकाल दिया था क्योकि मैकरौन ने कहा था कि 1830 मे फ्रांस के कब्जा करने के बाद अलजेरिया देश बन सका।130 साल बाद अलजेरिया 1962 मे आठ साल बहुत मार-काट के बाद फ्रांस से आज़ादी हासिल किया।
2012 मे फ्रांस के राष्ट्पति होलांडे ने फ्रांस द्वारा मार-काट और मानवधिकार हनन पर अलजेरिया से माफी माँगी थी। मगर मैकरौन अपनी दक्षिणपंथी सोच के कारण पेरिस मे चार्ली हेबडो का कार्टून बनवाते रहे और अफ्रिका मे “Islamists/Jehadists” ही रटते रहे।
अफ्रिका के मुस्लिम दुनिया मे फ्रांस कामयाब नही हो सकता है क्योकि स्पेन Western Sahara का प्रोब्लम बना कर चला गया है जिस मे मोरौक्को, टूनिशिया, अलजेरिया, लिबिया अब यूरोप को अफ्रिका मे दख़ल नही देने दे गा।
#नोट: नीचे तस्वीर मे दिवार पर एक खूबसूरत कार्पेट खास कर लगाया गया जहॉ मैकरौन और अलजेरिया के राष्ट्रपति बैठ कर बात कर रहे थे। इस मे अरबी मे “अलजज़ायर” लिखा है ताकि मैकरौन और 90 आदमियों के क़ाफला को पता चले कि वह अरबी हैं न की फ्रेंच!