Post of 3 December 2024

ISKCON के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास, जिन को भक्त “चिन्मय प्रभु” कह कर संबोधित करते हैं वह अपने 19 साथियों के साथ राजद्रोह के जुर्म मे बांग्लादेश के जेल मे हैं।

चिन्मय का असली नाम चंदन कुमार धर यानी बंगाली ब्राह्मण हैं जो इस्कॉन के “चिन्मय प्रभु” हो गये थे, यानी वरिष्ठ पुजारी।

कथित प्रभु अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोत संगठन के प्रवक्ता हैं और आतंकी भाषण दे दे कर बांग्लादेश मे शांति भंग कर वहॉ आतंक फैला रहे थे।

इस्कॉन बांग्लादेश के केंद्रीय अध्यक्ष सत्य रंजन बराई ने इस्कॉन के ख़िलाफ़ काम करने को लेकर 13 जुलाई 2024 को प्रभु पर पॉच आरोप लगा कर उन को एक चेतावनी पत्र भेजा था।पिछले महीना इस्कॉन बांग्लादेश ने प्रभु को संगठन से निकाल दिया और उस की जानकारी इस्कॉन पुजारियों को दिया।

बांग्लादेश इस्कॉन की केंद्रीय कमिटी के सदस्य बिमल कुमार घोष ने BBC Bangla सेवा को कहा, “चिन्मय कृष्ण दास को इस्कॉन से निष्कासित किया जा चुका है। सरकार के ख़िलाफ़ वह जो कुछ भी करते हैं, उसकी ज़िम्मेदारी हमारी नहीं है।”

चिन्मय की गिरफ़्तारी के बाद उनके समर्थक और विरोधी ढाका, चटगांव और कोलकाता सहित कई शहरो मे विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं जिस के कारण दोनों देशों मे धार्मिक और राजनीतिक तनाव बढ रहा है।

भारत मे मस्जिद और दरगाह को लेकर इस्कॉन बांग्लादेश का यह नया विवाद और जटिल होता जा रहा है।यह बहुत दु:खद है कि दुनिया मे पहली बार बांग्लादेश में “इस्कॉन” पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग हो रही है मगर बांग्लादेश की अदालत ने ऐसी मांग वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया है।

#नोट: भारत के मस्जिद-दरगाह और इस्कॉन बांग्लादेश का विवाद पूरे दुनिया मे मशहूर हो रहा है।अत: संघ से अनुरोध है कि इन सब विवादों को जल्द defuse करे क्योंकि इस्कॉन का मंदिर बहुत सारे मुस्लिम-अरब देशों मे है, जो विवाद के घेरे मे आ जाये गा और उन मंदिरों पर प्रतिबंध लगाने की माँग उन देशों मे उठ जाये गी।