Post of 2 October 2022

यह नितिन गड़करी साहेब हैं जो बीजेपी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष थे जो 2011 मे पार्टी और संघ के टोली को लेकर चीन गये थे ताकि नज़दीक से चीन के कम्यूनिस्ट पार्टी और विकास को देखें।

गडकरी साहेब और उन के संघ के साथी चीन के तीन बडे शहर बेजिंग, शंघाई और गुऑगज़ू का पॉच दिन के दौरा मे भ्रमण किया था।2011 के पहले चीन 2008 मे ओलम्पिक खेल का आयोजन कर चूका था, तेज़ी से तरक्की कर रहा था और दुनिया का सब से बडा बंदरगाह शंघाई मे बना चूका था।

गड़करी साहेब संघ के पूराने नेता हैं और आठ साल से केन्द्र मे मंत्री हैं मगर आज इन को नजर आया है कि जनता भुखमरी, बेरोज़गारी, ग़रीबी आदि का सामना कर रही है।क्या कैबिनेट मिटिंग मे यह सोते रहते हैं?

आठ साल से कहॉ थे गड़करी साहेब? चीन ऑख मे पट्टी बॉध कर गये थे? नीचे ग्राफ देखिये, 1992 बाबरी मस्जिद बम से उडाने के पहले चीन और भारत तरक्की मे बराबर था मगर आज चीन भुखमरी, ग़रीबी, बेरोज़गारी ख़त्म हो गया मगर आप 2015 में बिहारी का DNA टेस्ट करा कर संघी डीएनऐ खोज रहे थे।

गड़करी साहेब आज ग़रीबी के लिए मगरमच्छ का ऑसू नही बहाईय। 40 साल से आप का संघ और पार्टी confused है “मुस्लिम को केन्द्र बना कर हिन्दु धुर्वीकरण करने मे।” आरएसएस को समझ मे नही आ रहा है कि देश या हिन्दु समाज को किस दिशा मे ले जाया जाये।

गड़करी साहेब घड़ियाली आँसू बहाना बंद किजये और सत्ता का लोभ छोडये।संघ मे पढे लिखे, दुनिया देखे लोगो को लाईये और संघ को पुन: संगठित किजये।आरएसएस का रहना देश के लिए ज़रूरी है मगर कंफ्यूज़ड विचारधारा वाला संघ नही। #नोट: जय अल हिन्द।
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Some comments on the Post

Md Ali जब ये अर्थव्यवस्था बढ़ने की बात करते हैं तब शायद देश की नहीं अपनी बात करते हैं

  • Mohammed Seemab Zaman इन लोगो की सौ साल की सोंच सत्ता पाने पर fail हो गई तो लगे पैंतरा बदलने। अब इन को ग़रीबी, महगाई नजर आ रहा है। “हिन्दु-मुस्लिम” करते करते पूरी जिंदगी गुज़ार दिया और अब मोदी के सर ठिकरा फोड रहे हैं।अब कुछ नही हो सकता है, इन लोगो ने बहुत बरबादी कर दिया है, एक पुश्त भुगतना होगा।

एम एम हयात गडकरी के मंत्रालय ने फिर भी बहुत अच्छा काम किया है काफी एक्सप्रेस वे और सड़कें बनाई है भले ही टोल टैक्स ज्यादा लिया जा रहा हो

  • Mohammed Seemab Zaman कौन से अच्छा काम किया है? World Bank, ADB से कर्ज लेकर रोड बना दिया, यही अच्छा काम किया। पता लगाइये इस साल कितना पैसा कर्ज की अदायगी करनी है।

Sirajuddin Zainul Khan संघ का रहना जरूरी है. कुछ समझा नही सर. संघ तो बना ही है नफरत फ़ैलाने हिंदू मुस्लिम करने के लिए

  • Mohammed Seemab Zaman आप संघ का रहना ज़रूरी समझ नही पाईये गा। इस के लिए आप को भारत के धर्म, जाति, और विभिन्न क्षेत्र मे शोध करना होगा। इस का रहना मुस्लिम के लिए भी जरूरी है मगर confused संघ नही। सुबह मे कुछ बोले और शाम मे कुछ दूसरी बात बोले।

S M Taqui Imam संघ अपने हर संघसरचालक के दौर में कन्फ़्यूज़्ड रहा। थोड़ा clarity Dr. हेडगवार जी के दौर में नज़र आइ मगर उसको पूरी तरह मनुस्मृति की तरफ़ मोड़ दिया गोलवरकर जी ने। फिर समय समय पर दूसरे लोग आते रहे मगर इसमें संघ की विचारधारा से अधीक इनके सरसंघचालक की अपनी विचाराधारा की छाप ज़्यादा देखने को मिली।सारांश ये है की संघ में आज तक clarity देखने को नहीं मिली। जो कहा जाता है उसपर अमल नहीं होता और जो उनकही बातें है वही अमल का केंद्रबिन्दु है। इतनी बड़ी संस्था का मूल उद्देश्य अगर केवल एक धर्म विशेष का विरोधमात्र है। फिर ये एक निरर्थक प्रयास के सिवा कुछ नहीं। हाँ फिर कहूँगा के शिक्षा के छेत्र में इनके कार्य बहूत सराहनीय रहे हैं। मगर ये सेवाएँ तो छोटी छोटी संस्थाएँ भी दे ही रहीं हैं।

  • Mohammed Seemab Zaman वाह, क्या लिखा है। बहुत सही एनेलेसिस किया है “संघ अपने हर संघसरचालक के दौर में कन्फ़्यूज़्ड रहा है, जो कहा जाता है उसपर अमल नहीं होता और जो अनकही बातें है वही अमल का केंद्रबिन्दु रहीं।इतनी बड़ी संस्था का मूल उद्देश्य अगर केवल एक धर्म विशेष का विरोधमात्र है तो फिर ये एक निरर्थक प्रयास के सिवा कुछ नहीं”यही कनेफ़्यूज़न इन के सौ साल के मेहनत को सत्ता मिलते उजागर कर दिया और यह हर फ़्रेंट पर फेल कर गये।

Prateek Rao सर आपने थोड़ा सा कहा है हमने अपने स्तर पर बहुत समझ लिया है. आने वाला वक्त में बीजेपी में आदरणीय टाइप वाला रोल नितिन भाई गडकरी ही निभायेंगे