Post of 22 October 2023

यह बात दुनिया के सभी नेता तथा जियोपौलिटिक्स के विशेषज्ञ जानते है कि राष्ट्रपति बाईडेन और नेतनयाहु दोनों युद्ध प्रेमी नेता हैं।रुस ने इन दोनों नेताओं के कालखंड में यूरोप और मिडिल ईस्ट में लड़ाई शुरू कर Geopolitics’ Earthquake लाकर इन दोनों नेताओं के राजनीतिक सफ़र को इतिहास में शून्य (zero) कर दिया।

बाईडेन ने देख लिया कि अमेरिका का 20% tax money इसराइल को जाता है मगर फिर भी इसराइली शासन की नींव और सुरक्षा प्रतिरोधी ताक़तों के उपेक्षा बहुत कमज़ोर है।अमेरिका और यूरोप को अब यह चिंता है कि तेल अवीव जल्द ही कब्जे वाले एलाक़ा पर नियंत्रण खो सकता है और अगर प्रतिरोधी ताकतों के साथ लड़ाई हर महाज़ पर शुरू हो गई तो इसराइल कुछ ही वक़्त में ढह सकता है।

हालाँकि, अमेरिका दुनिया मे मुख्य शक्ति है जिसने यूक्रेन और इसराइल को एक हत्या मशीन में बदल दिया है मगर अमेरिका/यूरोप यूक्रेन और इसराइल के शासन के साथ लड़ने को तैयार नहीं है क्योंकि चीन और रूस की बढ़ती अंतर्राष्ट्रीय शक्ति और मिडिल ईस्ट के प्रतिरोधी ताक़तों दुनिया में अमेरिकी सेना को आसानी से निशाना बना रही हैं।

अमेरिकन और यूरोपीय लोग पहली बार द्वितीय विश्वयुद्ध (WWII) के बाद किसी दूसरे देशों की तुलना में अधिक डरे हुए हैं। इन लोगों को एहसास हो गया है कि इस लड़ाई से दुनिया की जियोपौलिटिक्स बहुत तेज़ी से बदल गई है और मिडिल ईस्ट, ईरान, तुर्की आदि के सभी नेता आपस में बात कर पिछले दस दिन से चुप हैं; संभवतः कोई लम्बी योजना पर काम कर रहे है।

ऐसा नहीं है कि इस लड़ाई से बदले जियोपौलिटिक्स का डर फ़्रांस, इटली, ग्रीस, इंग्लैंड, जर्मनी या डच नेताओं को है बल्कि बिज़नेस समुदाय के बड़े बड़े कम्पनी जैसे Goldman Sachs, Google आदि ने डर से अपने कर्मचारियों को e-mail किया और पीड़ितों के प्रति सहानुभूति व्यक्त किया और कुछ कारोबारी नेताओं जैसे फ़्रांस की लक्ज़री कम्पनी Cartier ने कुछ भी नहीं कहने का फैसला किया क्योंकि इन का लक्ज़री सामान मिडिल ईस्ट में बिकता है।

#नोट: किसी के पास आधुनिक हथियार का घमंड है तो किसी को तेल और गैस के पैसा का घमंड है।
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Some comments on the Post

Mohammed Seemab Zaman बाईडेन के पचास साल के राजनीतिक सफर और नेतनयाहू के Mr Security और जादूगर होने के घमंड को यूक्रेन और प्रतिरोधी ताक़त के जंग ने मिट्टी में मिला दिया।
सोवियत संघ के टूटने के बाद दुनिया की जोयोपौलिटिक्स बदलनी शुरू हुई और अब यूक्रेन तथा मिडिल ईस्ट वार दुनिया के Business community, Economy और Trade को बदल दे गी।

  • Zeenat Khan, Mohammed Seemab Zaman सर biden & co की कुंडली अपने 2020 में तैयार करदी थीजो लफ़्ज़ बा लफ्ज़ सही होती जा रही है.. और इसकी सदाक़त हम लोग अपनी आँखों से देख रहे biden और उनकी कैबनेट हर महाज़ पे फेल होती जा रही.

सौबान रजा सर बहुत ही शानदार और जबर्दस्त लेख, सर आपके जरिए ये न्यूज़ सुनकर बहुत खुशी हुई कि अमेरिका सहित यूरोपीय देशों के अंदर खलबली मची हुई है कि कहीं इजराइल क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों को ही न गंवा बैठे या फिर इजराइल कहीं खुद न कूलैप्स कर जाए।
अल्लाह पाक आपको सेहत और तंदुरुस्ती बख्शे और लंबी जिंदगी फरमाए 🤲

  • Mohammed Seemab Zaman, सौबान रजा साहेब कल देखा होगा दस दिन के जंग में 30 मूल्क के लोग मिस्र पहुँच गये जिस में कई राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी थे। जापान की विदेश मंत्री ने कहा कि वह ग़ाज़ा को $1 million का सहायता दें गीं।यह बड़ी सहायता नहीं है क्योंकि क़तर हर हफ़्ता ग़ाज़ा को $30 million सहायता देता है, मगर फिर भी जापान का सब के सामने यह कहना बहुत बड़ी बात है।

Shambhu Kumar Since 2000, 52% of companies in the Fortune 500 have either gone bankrupt, been acquired or ceased to exist.
And Arabia is sitting on heavy cash.
And it’s Businesses which controls the word order.

  • Mohammed Seemab Zaman, Shambhu Kumar साहेब, इसी वजह कर हम ने ख़ास कर आख़िर में बिज़नेस नेताओं का हवाला दिया है।मालूम है, BlackRock में सऊदी Aramco के CEO बोर्ड के सदस्य बन गये हैं।शुक्रिया कौमेंट का।

Zeenat Khan सर कल मीटिंग में हमें उम्मीद थी अरब देश oil को हथ्यार की तरहा use कर के वेस्टर्न देशों को प्रेशर में लाएंगे और गज़्ज़ा पे हो रही एयर स्ट्राइक पे ब्रेक लगवाए गे लेकिन ऐसा होता दिखा नहीं इसने हमें हद से ज़्यादा मायूस किया

  • Mohammed Seemab Zaman हम को उमीद नहीं थी।हड़बड़ी में यह सब फ़ैसला नहीं लिया जाता है।पिछली बार हमास ने 51 दिन लड़ाई लड़ी थी, अभी तो बारह दिन हुआ है।

Salim Khan ऐसा लगता है दोनों तरफ के लोग एक दूसरे के एक होने से डरने लगे हैं क्योंकि इस ऐके (एकता) से नुकसान तो बड़ा हो सकता है मगर सभी अपने अपने नफे नुकसान का आंकलन करने में लगे हैं और दूसरी बात इस मिडिल ईस्ट के ऐके (एकता)से समूचा योरप घुटनों पर भी आ सकता है या कहें लाया जा सकता है और एक मुख्य बात कि चाइना व रशिया द्विराष्ट्र के बारे में खुले तौर पर कहते देखे जा रहे हैं।

Mohammed Qasim सर जब बाइडेन usa का प्रेसिडेंट बना था उस वक़्त आपने कहा था कि ये बिना खून खराबा किये नहीं रहेगा वाक़ई में इसने बहुत बड़ी तबाही को प्लान किया है जिस तरह से गाज़ा पर हमले हो रहे हैं उसे देख कर।ये सब उकसा कर मिडल ईस्ट को लड़ाई में झोंकने की कोशिश है।या यूं कहें ज़बरदस्ती मिडिल ईस्ट पर जंग थोपने की कोशिश है।लेकिन जिस तरह से सभी मुस्लिम लीडर चुप हैं या बहुत हल्की प्रतिक्रिया दे रहे हैं उससे दो बातें निकल कर सामने आ रही है पहली या तो ये सब लंबे वक्त के लिए तैयारी में हैं या फिर वेस्ट ने अपने पंजे बहुत अंदर तक गाड़े हुए हैं ।

  • Mohammed Seemab Zaman, Mohammed Qasim साहेब पहली बार यूरोप और अमेरिका में लोग फ़लस्तीन के सपोर्ट में बोल रहे हैं।वेस्ट की नींव हिल गई है।कुछ दिन ठहर जाईये, सब ठीक होगा।