FB Post of 28-05-2021
कल हम ने लिखा था “अब समय आ गया है फ्रांस और अमेरिका के तरह भारत के सभी राजनैतिक दल संघ, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बामपंथी और बीजेपी के मुखिया भारत मे सम्प्रदायिक हिंसा, विशेष वर्ग की नस्ल कुशी और दंगा द्वारा आर्थिक बरबादी के लिये अल्पसंख्यक वर्गो से हाथ जोड कर माफी मॉंगे और पापों का प्राश्चित करे तब ही देश बचे गा नही तो भारत का भविष्य अंधकार मे डूबा रहे गा”
कल से फ्रांस के मैकरौन अफ्रिका मे नरसंहार के लिये माफी मॉंगते घूम रहे हैं और आज जर्मनी ने नामीबिया मे 1904-1908 तक 65,000 आदमी को योजना बना कर मौत के घाट पहुँचाने की बात मान लिया है और माफी मॉग रहा है।जर्मनी अगले तीन साल मे नामीबिया के लोगो को €1.5 billion खर्च कर जर्मनी मे skills development की ट्रेनिंग देगा। जर्मनी और फ्रांस कह रहा है “Hope genocide survivors can perhaps forgive us”.
जानते हैं यह क्यों “अंधे दिल मे रौशनी आ रही है”? फ्रांस, जर्मनी, ईटली, स्पेन, ब्रिटेन का क़र्ज़ा GDP का 110-120% हो गया है। ग्रीस का 210% हो गया है और जल्द साईपरस मे तुर्की के आगे घुटना टेके गा।
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भारत का कर्ज GDP का 85% है और international investment rating BBB (-) मे है। पिछले साल बेरोजगारी 38% थी। सात साल मे सारा सरकारी और कौपरेटिव बैंक डूब गया मगर बुद्धिजीवी सरकार को नोट छाप कर लोगो को पौकेट मे पैसा देने की बात करते हैं।
पैसा वह देश छापता है जहॉ Banks strong होता है, inflation कम होता है, इंवेस्टमेंट रेटिंग (+) मे होता है और स्वास्थ और इंफ़्रास्ट्रक्चर अच्छा होता है।हमारे यहॉ यह सब आठ साल मे चुनाव लड लड कर और दिल्ली दंगा (2020) वगैरह करा कर ख़त्म कर दिया गा और लोग भूल गये कि महा शक्तिशाली देश चीन मेरे पड़ोसी है।
“वतन की फ़िकर कर नादॉ मोसिबत आने वाली है
तेरी बरबादियों के मशवरे हैं आसमानों मे”