FB Post of 15th February 2022

संघीतकारो के बुद्धिजीवी ने इसी गज़वा-ए- हिन्द के डर से भारत का बटवारा कर के पाकिसातान एक नया सीमा दे दिया ताकि पक्षिम की सीमा इस गज़वा से सुरक्षित रहे।कुछ हद तक कामयाब रहे, जब सोवियत संघ अफगानिस्तान मे आया तो पाकिस्तान ही सोवियत संघ को अफगानिस्तान तक रोके रखा।

प्रधानमंत्री राजीव गॉधी ने एक बार कहा था कि “हमारे पूर्वज बहुत हुशयार थे वरना सोवियत संघ भारत आ जाता” खैर अफगानियों ने दस साल की लडाई मे सोवियत संघ का 1990 मे पराखचा उडा दिया और 15 अगस्त 2021 को काबूल से अमेरिका को बेइज़्ज़त कर के खदेड़ दिया। पंडित नेहरू बहुत दुनिया देखे, पढे लिखे आदमी थे जो जानते थे अगर बँटवारे के बाद भी भारत मे 10% मुस्लिम चैन से रहे गें तो हजारो साल गज़वा हिन्द नही होगा।

पंडित नेहरू ने सर सैयद के बनाये मकान आनंद भवन मे परवरिश पाई थी, वह जानते थे सर सैयद ने अपनी किताब मे लिखा है कि 1857 के ग़दर के वक्त भारत का मुस्लिम-हिन्दु गज़वा हिन्द से उमीद लगाये बैठा था मगर नही हुआ।

मगर आज तक बँटवारे के बाद भी योगी आदित्यनाथ गज़वा से बहुसंखयक समाज को डरा कर देश का हिन्दु-मुस्लिम भाईचारा खराब कर देश को कमज़ोर कर दिया और चीन को महाशक्ति बना दिया।

भारत का नौरथ इस्ट जो भारत के भू-भाग का छटवॉ (6) भाग है उस की सीमा पूरब मे चीन, बंगलादेश, बर्मा, भूटान से मिलती है वहॉ मनीपुर, मेघालय शांत नही रहता है।बर्मा मे गृह युद्ध चल रहा है। चीन जोगी जी से शहर, रोड, गली, मकान का नाम-पता बदलना सिख कर अरूनाचल का 14 जगह का नाम पता बदल दिया मगर जोगी जी गज़वा-ए-हिन्द का डर बहुसंखयक समाज के दिमाग मे बैठा कर देश के सेकूलर समाज को बरबाद कर दिया। “पलिज़ वन्स मोर शहज़ादा सलीम……” जो देश बरबाद किया है वही गोबर लिपे।

#नोट: नीचे कल लंदन के The Economist में एक ग्राफ उप्र, भारत, कम विकसित देश (LDCs) छपा है जिस मे GDP और शिशु मृत्यु दर की तुलना है। नेताओ को शरम भी नही आती है 22 करोड के आबादी के बारे मे दुनिया क्या लिख रही है और चीन-यूरोप को पढा रही है।
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Some of the comments on the post

Mohammed Seemab Zaman

“The Eastern Gate: War and Peace in Nagaland, Manipur and India’s Far East” by Sudeep Chakravarti.The author, Sudeep Chakravarti prefers to call northeast India ‘Far-Eastern India’. He feels there cannot be a Look- or Act East Policy by overlooking the region. “India’s relations with this region will mark the country’s engagement with its northern and eastern neighbours—China, Bangladesh, Nepal, Myanmar and Bhutan. Equally, there can be no doubt whatsoever that India’s relations with these neighbours will have a direct bearing on how this region thrives, or falls by the wayside, in the future,”

Syed Abid Naqvi सर बहुत ज़बर्दस्त लिखा है, कोई शक नहीं है कि नेहरू बहुत दूरदर्शी नेता थे, वो जानते थे कि मुसलमानों का शासन आठ सौ बरस रहा लेकिन मुसलमानों से किसी को कोई तकलीफ़ नहीं हुई, भारत ने तरक़्क़ी की ऊंचाईयां छुईं, वो जानते थे कि देश में मुस्लिम रहेंगे तो मुस्लिम देशों से अच्छे सबंध रहेंगे, मुसमलान उद्यमी होता है इसलिए देश की अर्थव्यवस्था को भी संभाले रहेगा, मुसलमान रहेगा तो हिंदुओं में आपसी झगड़े नहीं होंगे और नेहरू की यह सोच वर्ड बाई वर्ड सही साबित हुई है लेकिन बेचारा मुसलमान बहुत ख़सारे में चला गया, अब तो मुसलमानों का उद्धार शहज़ादा सलीम और मोदी ही करे सकते हैं।

Turab Qureshi शानदार post सरअफसोस नेहरू जी के बाद अब कोई नेता फिलहाल पैदा होना नामुमकिन है सर

  • Sirajuddin Zainul Khan, Turab Qureshi राहुल है मुझे पता नही क्यों राहुल पर बार बार ध्यान जाता है की अच्छा आदमी है ,पर कांग्रेस में अच्छे लोग अच्छे नेता नही है इस लिए राहुल कुछ कर नही पा रहा है,,देखना एक दिन जनता झक मार कर राहुल को ही चुनेगी दुनिया देखा नेता है राहुल पर लाचार है संघी कांग्रेसियों 

Abdul Raheem “भारत में मुस्लिम चैन से रहेंगे, तो हज़ार साल में भी गज़वा हिंद नहीं होगा.” बस इतनी ही बात है.

  • Mohammed Seemab Zaman हम ने आज तक गज़वा पर पोस्ट नही लिखी मगर बहुत से संघ के लोगो के मूँह से सूना है मगर हम चुप रहते थे। मेरे पास एक किताब है इस पर उर्दु मे। पहली बार गज़वा पर पोस्ट लिखा है जब शहजादा ने बोला। हम को ताजुब हुआ अब यह भी बोलने लगे जो 1857 मे गज़वा की उमीद लगाए बैठे थे।गज़वा टौपिक पर कभी किसी से बहस नही किजये गा।