Post of 18 September 2021
पॉच महिना पहले, शाह सलमान ने रमज़ान के चॉंद की मोबारकबाद अरदोगान को दिया और उस के बाद अरदोगान ने एक लवज़ अरब पौलिटिक्स पर नही कहा। हम ने हमेशा लिखा जब तक शाह सलमान ज़िन्दा है जिस को जो माँगना है मॉग लें, वह किसी को मायूस नही करते हैं।दुआ है अल्लाह उन की अच्छी सेहत और लम्बी उमर दे।
ट्र्मप ने चार साल मे दुनिया बदल दिया और फ़ॉल ऑफ काबूल के बाद एशिया की सदी शुरू हो गई।कल लंदन के एकोनौमिस्ट मे मिडिल ईस्ट पर एक लेख छपा है जिस के बहुत से बात से हम सहमत नही हैं मगर यह सही लिखा है कि अब मिडिल ईस्ट तुर्की के साथ मिल कर काम करे गा। पिछली सदी के तरह, अब दुनिया मे केवल सोवियत संघ और अमेरिका (यूरोप) पावर नही है, सौ साल के बाद फिर मुस्लिम देश मंज़रे आम पर आये हैं।
पिछले दस साल मे शाह सलमान और अरदोगान ने ग्रेटर मिडिल ईस्ट को चालीस साल के मार-काट से बाहर निकाला है।अब अफ्रिका मे मिस्र के सीसी पर भी नज़र रखिये गा, इन्होने सात साल मे अपने मूल्क को तरक्की करा कर नई पहचान दिया है और ख़ुशक़िस्मती से समुन्दर मे तेल भी निकल गया।
ताजिकिस्तान मे दो दिन के शंघाई कांफ्रेंस (SCO) मे फ़ॉल ऑफ काबूल के बाद ईमरान खॉन ने सेंट्रल एशिया मे अपनी बहुत ज़बरदस्त पहचान बना ली।कल 15 साल बाद ईरान भी SCO का सदस्य बन गया और सऊदी अरब, कतर, मिस्र तीन नये डायलॉग मेंमबर बने हैं।सेंट्रल एशिया के दो देश कजाकिस्तान और उज़बेकिस्तान मे बहुत अच्छा लिडरशीप है और दोनो ने बीस साल मे बहुत तरक्की किया है।उज़बेकिस्तान ने स्पेन-रूस के मदद से पूरे मूल्क मे हाई स्पीड ट्रेन का जाल बिछा दिया है। कजाकिस्तान सेंट्रल एशिया का Financial Centre है और चीन के बेल्ट और रोड का गेटवे है।
मेरा मानना है ग्रेटर मिडिल ईस्ट ने तो दुनिया मे अपनी आर्थिक और तेल के कारण वैश्विक पहचान बना लिया है। अब ग्रेटर सेंट्रल एशिया जिस मे पाकिस्तान+अफगानिस्तान भी होंगे वह अगले पॉच साल चीन के बेल्ट और रोड से एक महत्वपूर्ण ट्रेड रूट बन कर अफ्रिका मे पहुँच जायें गें।
#नोट: अब इस सदी मे दुनिया के किसी देश को आर्थिक तरक्की के लिये केवल अच्छे अर्थशास्त्री की जरूरत नही है बल्कि उस के साथ एक अच्छे नेता और social scientists की बहुत जरूरत है।