Post of 2nd July 2021
कल चीन के कम्यूनिसट पार्टी के सौ साला जश्न पर अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने एक साक्षात्कार मे कहा कि “चीन अफगानिस्तान के शांति और स्थिरता मे रचनात्मक भूमिका/तामीरी किरदार अदा कर रहा है और पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच सभ्य बातचीत (civilised interaction) करवा के संबंध बनाने मे मद्द कर रहा है”
करज़ई ने कहा अमेरिका अफगानिस्तान मे न स्थिरता ला सका और न ही लडाई ख़त्म किया बल्कि नया नया आतंकी ग्रुप पैदा कर दिया। अमेरिका का विरासत “मोकम्मल ज़लालत और तबाही” (total disgrace and disaster) रहा।
दो दिन पहले प्रधानमंत्री ईमरान खॉन ने कहा है कि ऊगर मुसलमानो के बारे मे चीन जो कह रहा है वह बात हम मानते हैं जबकि पश्चिम के देश उस का उलटा कह रहे हैं।पश्चिम के देश दूसरे देशो के मानवधिकार के हन्न पर चुप रहते हैं, यह इनलोगो की गलत नीति है।ईमरान खॉन ने चीन के तरक्की की तारीफ़ किया और 77 करोड आबादी की ग़रीबी ख़त्म करने की सराहना किया।
चीन ने पिछले चालीस (40) साल मे एतिहासिक तरक्की किया है।1980 मे चीन का जीडीपी (GDP) $191 billion या $195 प्रति व्यक्ति आय था और 2019 मे बढ कर GDP $14.3 trillion या आय $10,261 प्रति व्यक्ति हो गया। यह दुनिया मे एक miracle है या एक मोऐज्ज़ा से कम नही है।
चीन ने सात साल मे बेल्ट और रोड (BRI) के ज़रिये अपनी तरक्की का साझेदार एशिया और अफ्रिका के देशो को बना लिया है और अमेरिका-यूरोप के फैलाये आतंकवाद का जवाब दिया।दूसरे विश्व युद्ध के बात यूरोप और अमेरिका ने मार-काट अफ्रिका, मिडिल ईस्ट, बोसनिया, कोसोवो मे खूब खेला हर जगह आतंकवादी पैदा किया और अपने को सभ्य समाज का ठिकेदार बताता रहा।
उमीद है चीन, मिडिल ईस्ट, तुर्की अगले पॉच-दस साल मे दुनिया मे मानवाधिकार और सभ्य समाज का नेतृत्व करे गें।
यह वही हामिद करज़ई है जो आज चीन की तारीफ़ कर रहे हैं वह कभी हिमाचल मे रिफ्यूजी रहे थे और भारत के बहुत अच्छे दोस्त थे जिन की बीवी अपने बच्चे को जन्म देने भारत के अस्पताल को सुरक्षित समझती थी। यह वही करजाई है जो बाजपयी के मरने पर विदेशी राजनेता थे जो उन के funeral पर आये थे और चार घंटा बैठे रहे।आखिर क्या हो गया पिछले सात साल के इस विश्वगुरू के सरकार मे जो सारे हमारे दोस्त यहॉ तक के नेपाल तक मेरा नही रहा। यह भारत के मेढक बूद्धिजिवी को सोंचने का मोक़ाम है।