Post of 7th November 2021

सभो को दिपावली की हार्दिक बधाई

यद्धपि दीवाली भारतीय उपमहाद्वीप में कृषि और नए आर्थिक वर्ष से सम्बन्धित खेती आधारित अर्थव्यवस्था के स्वागत के रूप में मनाया जाने वाला सांस्कृतिक त्यौहार है। लेकिन इसके साथ विभिन्न धार्मिक आस्थाएं भी जोड़ दी गई मगर फिर भी भारतीय उपमहाद्वीप मे इस उत्सव को सभी धर्मों के लोगो ने बहुत ही खुशी खुशी मिल जूल कर मनाया।

धिरे धिरे यह दिपावली पूरे दुनिया मे धर्म से हट कर भारत की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय “सोफ्ट पावर” की पहचान बन गई और कनाडा, मेलेशिया, अमेरिका, दुबई मे भी मनाया जाने लगा।

इधर कुछ वर्षों मे देश मे हर सांस्कृतिक उत्सव को धर्म से जोड कर तास्सुब पैदा करने की एक सामाजिक चलन हो गई और सरकार के लोगो के द्वारा मंच पर कहा जाने लगा देश अब “सोफ्ट पावर” नही रहा, अब हम लोग “हार्ड पावर” बने गें।नतीजा यह हुआ हमारी शांति और अमन पसंद देश की पहचान ख़त्म होने लगी और विदेशनीति असफल हो गई।

जब कोई राष्ट्र प्रेम छोड देता है, तो वह दुनिया मे सोफ्ट पावर की पहचान गवॉ देता है। और जब कोई देश अपनी सोफ्ट पावर की पहचान दुनिया मे ख़त्म कर देता है तो वह देश राष्ट्रीयता (nationhood) खो देता है।

“When a nation loses love, it loses soft power in the world. And when a nation loses soft power in the world it loses nationhood”

#नोट: यह जो हेडलाईंन “Diwali is India’s soft power” हम ने दिया है यह आज Organiser अखबार का दिपावली पर हेडलाईंन और तस्वीर है।