Post of 21-03-2021

“नवरोज़” की ख़ुशी और मेला ज़माने क़दीम से मेसोपोटामिया, ईरान, मिस्र मे लोग मनाते आये है। आज के दिन ईरान मे नया साल शरू होता है। ईरान और ईराक़ मे ख़ास कर कुरदिसतान मे सरकारी छुट्टी होती है और हफ़्तों लोग दावत पार्टी करते है।

जब इजिप्ट मे मूसा एलैहिसलाम फिरौन के पास “हिदायत” लेकर गये तो वह नही माना तो अपनी मुबारक लाठी को पटका तो वह साँप बन गया। तो लोगो ने कहा यह तो जादूगर हैं। तब फिरऔन ने मूसा एलैहिसलाम को अपने जादूगर से मोकाबला की दावत दी और पूछा तुम किस दिन यह मोकाबला करो गे?

मूसा एलैहिसलाम ने “नवरोज़ ” का दिन कहा और वक़्त “चाशत” का कहा। और बाद का सब वाक़या तो मुसलमानो को मालूम है यहाँ लिखने की ज़रूरत नही है।इस वजह कर भी नवरोज़ को मोबारक दिन माना जाता है।

अब रही “चाशत” के वक़्त की बात तो इस वक़्त दो रिक्त नफिल पढ़ कर दुआ करने की ताक़ीद की गई है। बहुत से बुज़ुर्गों ने चाशत की नफिल नेमाज को दिन का “तहजजुद” कहा है।

Today, Iranian new calendar year of 1400 started.