यह देखये हिन्दु, हिन्दु का नारा लगाने वाले लोग अंतोगत्वा अब अपने पूर्वज मिस्र और मिस्री भगवान तक पहुँच गये!
अगर ये कह रहे हैं कि मिस्र सभय्ता या मंदिर का निर्माण हिन्दूओं ने किया है तो इसके लिए इन्हें हिन्दू सभ्यता और हिन्दु मंदिरों को मिसरी सभ्यता से भी पुराना साबित करना पड़ेगा।बड़ा बड़ा पिरामिड और मंदिर खुदाई करके इनको यहाँ से निकालना पड़ेगा।
भारत मे कोई प्राचीन हिन्दु मंदिर नही है, यहॉ सब मंदिर 700 AD या 1200 AD मे बनी है।यहॉ तक के बोध गया मे महाबोद्धी मंदिर 700 AD मे बनी। अब केवल खोखले दावों या नारा से काम नहीं चलेगा।
मिस्र का पिरामिड या मंदिर हिंदुओं ने नहीं बनाए, बल्कि वहाँ से “खदेड़े” गए मिस्री लोगों के समय मे बना; वह खदेडे गये लोग विंध्याचल के नीचे आकर बसे और अपनी फेरऔनीक यादें, संस्कृति, सूर्य पूजा, शिव और राम और कृष्ण की धारणाएँ भी ले कर आए।
आज मिस्र मे 5,000-7,000 साल पूराने मंदिर और पिरामिड खुल रहे हैं तो सबूत मिल रहा है मिस्र के भगवान, देवी, देवताओं, पूजा पद्धति, पुजारियों के मुंडन, टीकी, धोती, जनेऊ, भगवान को प्रसाद का चढ़ावा की तस्वीर और मूर्ती मिल रही है।हजारो हजार साल पूराना माखन, तीर धनुष और लंगोट भी मिल रहा है।
भारत के साज़िशी लोग मिस्र के भूतपूर्व राष्ट्रपति अनवर सादात के शुक्रगुज़ार हों कि उन्होने ने पिरामिड खोलने पर रोक लगा दिया था वरना आज अयोध्या जी मे भव्य मंदिर नही बनता।1992 बाबरी कॉड नही होता और न आज चीन सुपर पावर हो कर विस्तारवादी होता।
इन को मिस्र की माएथोलोजी पढ़ने की अब जरूरत नही है। पिरामिड खूल रहा है और अरब मे जर्मन शोध हो रहा है, अब मिस्र और भारत दोनो के माइथोलोजी सब लोग जान जाये गा।डर है कहीं अब हम लोग अभी के वल्द मिस्र के धर्म को न कबूल करने लगें।
#नोट: नीचे कुछ तस्वीर है और कौमेंट मे कुछ पूराना पोस्ट है।गौर से देखये गा हमारे भारत के विष्णु जी के मूरती मे पिरामिड बना है।आज का मिस्री बच्चा टीकी रखे हुआ है और धोती पहने है।