Post of 15th March 2022

चिंता की कोई बात नही है।

जब कोर्ट ने 377 नही माना तो बहुसंखयक महिलायें सब खुश हो गईं।कोई महिला रोड पर नही आई कि यह कानून सख़्ती से लागू होना चाहिय, क्योकि यह कानून उन के धर्म मे नही है।

यही 377 अंग्रेजों का शरियह कानून हॉंगकॉग और सिंगापुर मे भी 377A के नाम से है।सिंगापुर मे सरकार ने 377A कानून सस्पेंड कर दिया (कानून मे रहे गा मगर सस्पेंडेड) क्योकि वहॉ औरते कम हो गई हैं और मर्द ज्यादा।औरत और मर्द दोनो खुश।

हम लोग ऐसे समाज मे हैं जहॉ औरते 377 हटाये जाने पर कोई आंदोलन नही करती हैं तो कोर्ट का हेजाब को स्वीकार न करना कोई आश्चर्य की बात नही है।मैकरोन के फ्रांस का हशर देख रहे हैं न, सबर किजये।

देश बडा है, कृषि पर आधारित देश है, जानवर है, पानी है, मछली है।यहॉ कोई भूखा नही मरे गा।कपडा चरख़ा काट कर पहन ले गे।भगवान रजनीश हमेशा पैदा होते रहें गे, कभी आदमी के शक्ल मे तो कभी कोर्ट मे।आनंदमयिए रहें।
=============
Some comments on the Post

Athar Ali Khanحنفی ۔ شافعی ۔ جماعت اسلامی ۔ بریلوی ۔ وہابی میں 9/9 سال مباحثے میں گزارنے والے ایک بھی ایسا مولوی پیدا نہ کر سکے؟؟؟ جو عدالت میں حجاب کی فرضیت میں دلائل کے انبار لگا کر معترضین کو گنگ کر سکے 😡😡😡یہ مسئلہ صرف معاملہ عدالت میں لے جانے والوں تک ہی تو محدود نہ تھا ۔

  • Mohammed Seemab Zamanصبر کیجئے- مولوی سے کچہ نھی ھو گا-آپ سرکار کے فتنہ سے نھی لڑ سکتے ہیں-سرکار یہ کام کر کے رھے گی-

Jamshed Jamshed अल्लाह की क़सम मेरे दिल की बात.

Javed Hasan अल्लाह बड़ा कारसाज हैसर लेकिन अफसोस तो ये है मुस्लिमो का एक बड़ा तबका सिर्फ बुर्के को ही हिजाब समझता है

Shahid Samad I think that concern ladies have become smart and doesn’t want to give extra milage to those want to implement it. I appreciate. Wait for banning prayers in mosques. Soon some bastard will say this and Muslims will react. And he will become a bigger leader. Learn to ignore.

  • Mohammed Seemab Zaman Let them ban the prayers, Stalin did this in Russia. Only one Mosque in Moscow was remained open till 1990. You have seen that also and now you are watching Ukrainian War also. Please wait, we have population of 1.4 billion.