Post of 12th January 2022

यह हैं भरत झुनझुनवाला, यह लेख लिख कर लोगो को गुमराह कर रहे हैं कि “पूजी पलायन से देश कमज़ोर हुआ”।

यह देश कमज़ोर हुआ, बैक लूट कर और चुनाव लड कर।दस साल मे 27 सरकारी बैंक मे अब 7 सरकारी बैंक बचा जिस के कारण विदेशी निवेशक देश मे नही आया और देश कमज़ोर हुआ। विदेशी जानते हैं यह अपने देश का पैसा चुनाव लड कर और दंगा कारने मे खर्च करते हैं।White money मौरिशस जाता है और वहॉ से वापस black money के रूप मे देश मे चुनाव लडने के लिये आता है।दुबई के रघुराम शेट्टी (B R Shetty) का लंदन के कोर्ट मे कल मकान ज़ब्त हुआ है जो विदेशी बैंको (Barclays Bank, Dubai Bank आदि इत्यादि) का पैसा लूट कर भारत मे $1.2 billion मे “महाभारत” फिल्म बना रहा था।

झुनझुनवाला गलत old narrative बना रहे हैं।Public sector तो बना ही था import substitution के लिये, उस को privatisation कर के क्यो ख़त्म किया।झुनझुनवाला, बहुत क़ाबिल अर्थशास्त्री हैं तो privatisation के खेलाफ लेख क्यो नही लिखते हैं?

इन से पूछये दस साल मे बाहर से भारत मे कितना निवेश हुआ? जो foreign exchange आया वह भारतीय विदेश मे काम कर के भारत भेजते हैं उस से आया।बंगलादेश मे जो भारतीय काम करते हैं वह $1.5 billion भारत को विदेशी मुद्रा भेजते हैं।

भरत झुनझुनवाला और जागरण अख्बार वह जमाना गया जो आप हिन्दी मे लिख दिया और हम पढ लिया और हिन्दी मे समझ लिया।इसी तरह के बूद्धिजिवी ने भारत को बरबाद किया हिन्दी मे लिख कर हिन्दी दिमाग मे गलत ज़हर घोला।

भारत के बर्बादी का कारण हिन्दी बुद्धजिवी, 400 हिन्दी चैनल और 100 हिन्दी अखबार है।

#नोट: यह पोस्ट हम ने Almaz Jahan Jahan साहेबा के feed back के वजह कर लिखा है। यह पेपर कटिंग उन के पोस्ट से लिया है। वरना आज हम ईरान, तुर्की और GCC के विदेश मंत्री के एक साथ चीन के यात्रा पर लिखने वाले थे।

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Some Comments on the Post

चौधरी सर बहुत खूब सर और इधर कल से संतरे खरबूजे बनने में लगे हुए हैं

  • Mohammed Seemab Zaman देख रहे हैं न पवार (संतरा) का कैसा ख़रबूज़ा दिल हो रहा है। पवार साहेब जो कभी फडनाविस की सरकार 2015 मे NCP के साथ मिल कर बना रहे थे,जो कभी महाराष्ट्रा और दिल्ली के ऐलावा कही नजर नही आये वह SP के साथ गटबंधन कर उप्र मे प्रचार करे गें।सब के दिल मे रौशनी आ रही है, बर्बादी बहुत बडी है। इस बरबादी के जवाबदेह यही लोग हैं। हम तो इस तरह के टौपिक पर नाम ले कर पोस्ट नही करते हैं।

Deepak Sharma नमस्कार सर, भरत झुनझुनवाला गुमराह करने में सबसे आगे है।इन्होंने एक लेख भी लिखा था कि जनकल्याण में बाधा बने सरकारी नौकरियां, उसको मैंने डिकोड किया था। लिंक भी दे रहा हूं, कृपया आप पढ़कर अपनी टिप्पणी जरूर करें।

  • Mohammed Seemab Zaman, हम झिल्ला कर यह पोस्ट लिखा है। हम को बहुत ग़ुस्सा आया जो इस आदमी ने narrative बनाया “पूजी पलायन पर लगे लगाम”।वह जमाना गया जो यह लिख दें गें वह हम लोग मान लें गें।

Shambhu Kumar साहित्यिक कोडिंग ही आर्यावर्त की ढलान लिए हुई हैइसलिए माइंडसेट बदलने में वक्त लगेगा

  • Mohammed Seemab Zaman, Shambhu Kumar साहेब, कितना वक्त लगे गा? जब पूरा उत्तर भारत बर्बाद हो जाये गा तो हम लोग का माइंडसेट बदले गा। इस आदमी को पता नही है कि Public Sector बना ही था import substitution और रोज़गार देने के लिये, उस को सब दिवालिया कर दिया। अब तो LIC बिक रहा है, क्या यह भारतीय खरिदें गें?
  • Shambhu Kumar साहेब यहां का अचीवर्स का ही ब्रेन वाश हो रक्खा हैनई बात घुसने ही नहीं देता है.

Skand Kumar Singh विदेशी भंयकर बिकवाली कर रहा है।FIIएक लाख करोड़ शैयर बाजार से निकाल चुके हैं।भाजपा पहले मारीशश रूट को बन्द करने की बात किया करती थी

  • Mohammed Seemab Zaman वह तो बिकवाली करें गें। पैसा कमा लिया और फरवरी-मार्च के बाद सब पैसा निकाल कर जाये गें। शेयर बाजार का तो पैसा hot money होता है।मगर आज तक मौरिशस रूट बंद नही हुआ और न कभी बंद होगा क्योकि अर्थव्यवस्था बहुत खराब है। इसी से शेयर बाजार थोडा गर्म रहे गा।

Aheer S. K. Yadav बहुत खूब साब

Islam Hussain भारत झुनझुनवाला हमेशा से ही पूंजी के सार्वजनिक क्षेत्रों, सेवाओं में इंवेस्टमेंट के विरोधी रहे हैं, वो गांव किसान और हाशिए के लोगों के हित में नहीं लिखते मैंने उनकी बकवास थ्योरी को पहले भी रद्द किया है।

Neeraj Singh इसके लेख मैं पहले अक्सर पढ़ता रहता था। लेकिन ढंग की बात आज तक यह कभी न लिख पाया। अब तो वैसे भी संघी बंधुआ मज़दूरिक दौर है। इस समय यदि किसी ने असलियत लिख दी तो उसको जेल में पानी पीने के लिए स्ट्रॉ भी नसीब न होगा और बेमौत मारा जायेगा।

Skand Kumar Singh नीरव मोदी ने कहा कि उसने भाजपा को 700करोड़ रू दिया।चीनी मोबाइल कंपनी ने लाखों करोड़ कमाया,टेक्स एक रू ना दिया।IPLको स्पान्सर करा।चीनी कंपनी का कहना है हमने मोदी केयर में करोड़ों का चन्दा दिया है।अब मोदी केयर को तो सुप्रीम कोर्ट भी नहीं देख सकता.

Syed Abid Naqvi सर किसी भी देश की आर्थिक तरक़्क़ी सरकार की घरेलू, विदेश और आर्थिक नीतियां ही तय करती हैं, इनमें भी प्रमुख घरेलू नीति होती है और इन सारी नीतियों और ख़ासकर घरेलू नीति का हाल दिख ही रहा है, अभी मुझसे बहुत से यंग लड़के आकर राय मांगते हैं कि क्या बिज़नेस शुरू किया जाए मैं उनसे कहता हूँ पैसा रखे रहो कहीं मत लगाओ, तो जब यहीं के लोग यहां पैसा लगाते या बैंकों में रखते डर रहे हैं तो विदेशी यहां कैसे आ जाएंगे, तथाकथित अर्थशास्त्री सरकार की ही बोली बोल रहे हैं और जनता को झुनझुना पकड़ा रहे हैं, बहुत सी कंपनियां यहां के टेक्सेज़ से परेशान होकर भाग रही हैं लेकिन कोई लिखेगा नहीं।।

Shaikh Ismail झुनझुन वाला को मै मुंबई इंकलाब मे पड़ता था काफ़ी टाइम पहले हमेशा बकवास ही लगे फिर इनको पड़ना बंद कर दिया.

Kamal Siddiqui बहुत बढ़िया लिखा सरये गुमराह इसलिए कर रहे हैं कि ये बाद में विनोद राय बन जायेंगे

Aftab Yousufzai झुंझुनवाला बहुत लंबे वक्त से हिंदी पट्टी वालों को झुंझुना पकड़ाये है.

Shalini Rai Rajput संघी मानसिकता के व्यक्ति हैं.

Saurabh Prasad अपर कास्ट और बनिये मिल के लूट लिए देश को.

Abdul Raheem “भारत की बर्बादी की वजह हिन्दी बुद्धिजीवी, 400 हिंदी चैनल और 100 हिन्दी अख़बार हैं”

Sahab Ansari हिंदी तो मानने को तैयार ही नही कि देश में कोई बर्बादी हुई है

Shakib Khansaab बहुत सुंदर सर.

Joginder Ranga बहुत खूब सर। लिखना ज़रूरी है।

Shaikh Ismail जबरदस्त सर.

Turab Qureshi बहुत खूब लिखा आपने सरयह बातें इनको कहा समझ आयेगी.

Muhammad Bin Akhlak Malik बिकी हुई कलम है ये ईन जैसे लोगो की.

Shamimul Haque सच्चाई है सर। भ्रमित करने वाले लोग हैं।

Anish Akhtar बहुत तेजी से हम आइसोलेशन की तरफ अग्रसर है…तुर्की ईरान GCC से पहले लिखो की कप्तान को चपटे ने आइसक्रीम वाले के साथ बुला लिया है.

Lalit Nayyar भरत झुनझुनवाला आर्थिक सलाहकार कम लेकिन पूरी तरह से संघी भाजपाई एजेंडाकार अधिक लग रहे है।ये अकेले नहीं है,ऐसे ओर बहुत से अनर्थकारी विशेषज्ञ भी उपलब्ध है।राम देव जिस तरह नोटबंदी पर आंखें मटका रहा था,फिर मोदी साहब ने जिस तरह से। नोटबंदी को लागू किया उसके पीछे भी कोई सुनील बोकील अर्थनितिकार थे।जब सब निपट जाता है, बर्बाद हो जाता है, तब ये पूरी कहानी को दूसरा ही रंग देने लगते है।

Javed Hasan सर न्यूज वाले पहले दलाल कहने से भड़क जाते थे अब ईमानदार कहने से भी भड़कने लगे