FB Post of 4th May 2021
इतिहासकार जब पिछले चालीस साल का भारतीय बरबादी का इतिहास लिखे गें तो वह “हिन्दु पत्रकारिता” को इस का जिमेदार ठहरायें गें न की प्रघानमंत्री नरेंद्र मोदी को।
भारत ने पिछले चालीस साल मे एक भी हिन्दु पत्रकार अंतरराष्ट्रीय स्तर का पैदा नही किया। सब भारत मे ही कुऑ के मेढक का पत्रकार बना रहा।यहॉ तक के BBC Hindi के भी हिन्दु पत्रकार (एक-दो को छोड कर) कोई बहुत जानकार या अंतरराष्ट्रीय स्तर का पत्रकार नही है।
130 करोड की आबादी है मगर किसी हिन्दु पत्रकार का कोई लेख किसी दूसरे ज़बान मे अनुवाद होते आप नही देखये गा और न किसी अंतरराष्ट्रीय टीवी चैनल पर कोई हिन्दु पत्रकार देखये गा क्योकि यह सारे पैदाईशी संघी मेढक हैं।
1977 मे जनता पार्टी की सरकार बनी तो लाल कृष्ण अडवाणी संचार मंत्री बने और यह सारे हिन्दु पत्रकार उसी के पैदावार हैं।इतिहासकार कुछ दिन बाद देश की बरबादी की परद खुलते देखे गें तो लिखे गे, “यह सारे देश के गद्दार थे”, “आतंकी थे” वगैरह वगैरह जिन लोगो ने भारत को बरबाद किया।
अभी अगले दो साल मे “चीन का जलाल और जमाल” जब भारत के लोग देखे गे तो इन को समझ मे आये गा यह हिन्दु पत्रकारों और बूद्धिजिवीयों ने यह सब बीस साल से छुपा कर देश के साथ बहुत बडी ग़द्दारी किया।यह सुफीदपोश देशभक्त नही थे और न हैं।
उर्दु सहाफ़त तो उर्दू अदब ख़त्म होने के साथ चालीस साल पहले दफ़न हो गई क्योकि वह “हिन्दी” पढने और लिखने लगे। उर्दु नाम वाले अंग्रेज़ी भी नही पढा नतीजा हुआ के वह भी हिन्दु पत्रकारिता ही करते रहे।एक उर्दु नाम वाला एम जे अकबर था वह भी ख़त्म हो गया।
#नोट: नीचे दो सजी संवरी औरत की तस्वीर है। एक ब्लैक एंड वाईट है और दूसरी रंगीन है, यही भारत का हिन्दु पत्रकार या पत्रकारिता है।पहली ब्लैक एंड वाईट तस्वीर यहूदी यमनी ट्राईबल की है और दूसरी फिरौन की मेकअप की हुई औरत की है। यह काजल और टीका भी भारतीय समाज मे या दुनिया मे मिस्र की सभ्यता से ही आया।