Post of 22 December 2022

China and Arab states 2000 years old historic and friendly ties will improve. China will work with Arab states to carry forward the traditional friendship and jointly build a China-Arab community with a shared future in the new era.

•China as a superpower will look up to greater influence in Asia and its expansionist agenda. Joe Biden will remain as “Sleepy Joe”.

•Central Asian countries will make strategic alliances in trade, industrial projects and in agricultural field. This alliance will lead to large investment in Central Asia.

•Turkiye will emerge as the “Gas Hub” for Eastern and other European countries. Turkiye will open Europe’s largest underground gas storage facilities in the Black Sea for Azerbaijan, Turkmenistan, Kazakhstan, and Russian gas.

•Qatar 2022 has boosted the confidence of the Arab world. Middle East will expand its economy and also increase investment in Central Asia and Africa.

•Saudi Arabia will announce more unconventional gas discoveries and will become fifth biggest natural gas producer in the world behind Russia, Qatar, Azerbaijan, Iran, Turkmenistan and USA.

•Europe will face the biggest refugee movements since the second world war due to the Russian invasion of Ukraine. Refugee will refuse to return back to Ukraine.

•Indian intellectuals will realise that “Indian history is the best text book”, don’t fake it.

#Note: In 2023, economy will not attract politics but politics will attract economy.
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HOPE 2023: POLITICS WILL ATTRACT ECONOMY

चीन और अरब देशों के दो हज़ार साल पुराने ऐतिहासिक और मैत्रीपूर्ण संबंध सुधरेंगे। चीन पारंपरिक मित्रता को आगे बढ़ाने के लिए अरब मूल्कों के साथ मिल कर काम करेगा और भविष्य मे नये चीन-अरब समुदाय का निर्माण करे गा।

*चीन, एक महाशक्ति के रूप में एशिया और यूरोप में अपना अधिक प्रभाव बढाये गा मगर एशिया मे विस्तारवादी भी बना रहे गा। जो बाईडेन “स्लीपी जो” बने रहे गें।

*सेंट्रल एशियाई देश व्यापार, औद्योगिक परियोजनाओं और कृषि क्षेत्र में आपस मे गठजोड़ करेंगे। इस नये गठबंधन से सेंट्रल एशिया में अरब देशो का इंवेसटमेंट होगा।

*तुर्की पूर्वी और अन्य यूरोपीय देशों के लिए “गैस हब” के रूप में उभरेगा। तुर्की अजरबैजान, तुर्कमेनिस्तान, कजाखस्तान और रूसी गैस के लिए ब्लैक सी में यूरोप का सबसे बड़ा गैस भंडार बनाये गा।

*अरदोगान आखरी बार राष्ट्रपति का चुनाव लडें गें, अगर जिते तो केवल यूरोप और अफ्रिका की राजनीति करे गें।अरब मूल्को से दोस्ती और व्यापार बढे गा मगर चुप चाप।

*कतर ने FIFA वर्ल्ड कप का सफल आयोजन कर अरब जगत को एक डेव्लप देश की पहचान दे दिया, जो इस सदी का अरब देशों के लिए अनमोल तोहफा है।मिडिल ईस्ट के देश अपनी अर्थव्यवस्था का विस्तार करे गें और सेंट्रल एशिया और अफ्रीका के मूल्को मे भारी निवेश करे गें।

*सऊदी अरब अपने देश मे नये नये गैस फिल्ड मिलने की घोषणा करेगा और रूस, कतर, अजरबाईजान, ईरान, तुर्कमेनिस्तान और अमेरिका के बाद दुनिया में पांचवां सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस उत्पादक देश बन जाएगा।

*यूक्रेन मे रूसी आक्रमण के कारण यूरोप दूसरे विश्व युद्ध के बाद से सब से बड़े शरणार्थी संकट का सामना करेगा।यूरोप से यूक्रेनियन शरणार्थी वापस यूक्रेन लौटने से इंकार करें गें।

*भारतीय बुद्धिजीवियों को यह एहसास होगा कि “भारतीय इतिहास सबसे अच्छी पाठ्य पुस्तक है”, इस मे झूठी कहानी गढना बंद करें।

#नोट: 2023 में अर्थव्यवस्था राजनीति को आकर्षित नहीं करे गी लेकिन राजनीति ही अर्थव्यवस्था को आकर्षित करे गी।

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