15 April 2023

बराक ओबामा के कालखण्ड मे 1945 से अमेरिका नेतृत्व वाली व्यवस्था (वर्ल्ड आडर) मे विघटन मे तेज़ी आई।रूस या चीन के बीच फँसे कई देश कोई पक्ष लेने को तैयार नही हैं जिस मे भारत फँस कर आज अपनी अमृतकाल की नीति के कारण दुनिया मे अकेला खडा है।

*8 करोड आबादी वाला तुर्की सौ साल के बाद वैश्विक राजनीति मे अपना दबदबा फिर बना लिया है।पिछले दस साल मे तुर्की ने 30 अफ़्रीकी देशो के साथ “सुरक्षा समझौता” कर चूका है।रूस से दोस्ती कर अपनी तटस्थता कर पश्चिमी देशो को अपनी पुरानी ऑटोमन शान फिर से देखा रहा है।कल इस्तांबुल मे दुनिया का सब से बडा आर्थिक शहर का उद्घाटन कर न्यूयोर्क, लंदन, दुबई से जोड कर आर्थिक केन्द्र बने गा।

*सऊदी अरब अपनी ऐतिहासिक सहयोगी अमेरिका से दूरी कर चीन की ओर झुकाव कर के अब चीन का सब से बडा व्यापारिक भागीदार हो गया है।सऊदी अरब को शंघाई कोअॉपरेशन ऑर्गनाइज़ेशन (SCO) मे शामिल कर और पिछले महीना सऊदी अरब-ईरान मे दोस्ती करा कर चीन दुनिया की राजनीति मे अपनी अमेरिका से बडी पहचान बना लिया। खबर है कि चीन बहुत जल्द खाडी के देशो (GCC) के साथ “मुक्त-व्यापार समझौता (FTA)” करने जा रहा है।

*सऊदी अरब और यूएई अब अफ्रिका के देशो के खनिज सौदा का व्यापारी बन रहा है और अपने $3 trillion के Sovereign Wealth Fund के $75 billion ज़कात से अफ्रिका के देशो तथा मिस्र,पाकिस्तान, अफगानिस्तान, श्रीलंका आदि देशो के उर्जा, कृषि और विकास मे मद्द कर रहा है।

*दुबई ने दुनिया मे Artificial Intelligence (AI) मे सब से ज्यादा निवेश कर New Global Tech Centre बन कर Global Bengaluru की पहचान को ख़त्म कर भारतीयों को पलायन के लिए आकर्षित कर रहा है।

#नोट: निचे दी एकोनौमिस्ट, लंदन मे छपे लेख, How to survive a superpower split के लिखे लेख का ग्राफ देखये, भारत आज उसी भीड मे “तटस्थ” खडा है जो 1956 मे पंडित नेहरू के नेतृत्व मे Non-Aligned का लीडर बन कर आज़ाद भारत की दुनिया मे पहचान बनाया था मगर आज अमृतकाल मे भारत अकेला खडा है।