FB Post of 14 December 2020

“गाय हमारी माता हैं, गफूरवा उस को खाता है” और पंडित-जोगी उस का जूता पहनता हैं। यह नारा समाजवादी लगता था जब बिहार के अबदूल गफ़ूर, मुख्यमंत्री थे।

पूरे भारत मे गौ-कशी आज आजादी के 70 साल और बीजेपी के सरकार के सात साल के बाद भी बंद नही हुआ मगर नारा लगता रहा “गाय हमारी माता है और जोगी चमड़ा का चप्पल पहनता है”

आज तंज़ानिया के राष्ट्रपति ने कहा की पूरे तंज़ानिया मे पशुपालन को बढ़ावा दिया जाये गा ताकि चमड़ा उद्योग एक इंडस्ट्री हो।उन्होंने कहा तंज़ानिया की आबादी 5.6 करोड है जिस मे 2 करोड मुस्लिम और 3 करोड क्रिस्चन हैं जिन को साल मे न्यूनतम 5.4 जोडी जूता चाहिये, चमड़ा का बेल्ट और औरतो को प्रस/बैग चाहिये मगर हम लोग 1.8 करोड जूता और चमड़ा का प्रस और बेल्ट चीन से आयात करते हैं।

तंज़ानिया के राष्ट्रपति ने कहा वह अगले चार साल मे “चमड़ा उद्योग” को अफ्रिका मे सब से बडा बना कर चीन से जूता, बेल्ट आयात करना बंद करे गे और विदेश मे निर्यात करे गे।

यहॉ हम लोगो को बताते चले यूपी मे चमड़ा उद्योग ख़त्म पर है और इस साल बंगालादेश ने बक़रीद मे भारत का स्सता चमड़ा खरीद कर यूरोप मे जूता और बेल्ट निर्यात कर रहा है जिस की क्वालिटी बहुत अच्छी है। अगले साल कर्नाटका सभी तरह के पशु को काटना बंद करे गा मतलब अगले 5-7 साल मे भारत दूध और 120 करोड जूता चीन और बंगलादेश से आयात करे गा।