Post of 20 January 2023

World Economic Forum (WEF) दावोस मे टेक्निकल सलाहकार, बैंकर्स, मीडिल ईस्ट के प्रतिनिधियों का जमघट लगा है।

इस साल, दावोस के मुख्य सड़क पर इन्वेस्ट इंडिया एजेंसी के लोगों ने फ्रंट पर आठ स्टोर कब्जा कर रखा है।भारत के राजनीतिक और व्यापारिक वर्ग के लोग वहाँ घूमते और इंवेस्टर से बात कर रहे है और भारत मे निवेश की दावत दे रहे हैं।

Tata और Infosys के तरह महाराष्ट्र, तेलंगाना और तमिलनाडु राज्यों ने भी स्की रिसॉर्ट (ski resort) में मंहगा रियल एस्टेट को किराए पर लिया है।इस में बैंकरों, निवेशकों को लोकप्रिय तथा मंहगा खाना परोस जा रहा है।

2023 में, रूस-यूक्रेन लड़ाई के कारण दुनिया में मंदी की आशंका बनी हुई है।दुनिया के किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद नही है, लेकिन भारतीय कारोबारी, नेता और सरकारी अधिकारी दावोस मे घूमने का अवसर नहीं चूक रहे हैं।लोग कह रहे हैं कि “हर 10 कदम पर तो इन्वेस्ट इंडिया एजेंसी या एक राज्य सरकार या एक निजी संस्था की दुकान नजर आती है।” एक निवेशक ने मजाक में इस रास्ते को “छोटा भारत” बताया।

भारत की अर्थव्यवस्था वर्तमान में लगभग $3.5 trillion की है, जो अभी दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है।भारतीय बुद्धिजीवियों के विश्लेषण के अनुसार अगर भारत विकास पैदा करता है तो भारत 2026 में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में जर्मनी से आगे निकल सकता है और 2032 में जापान को नंबर तीन स्थान से पछाड़ देगा और 2037 तक $12 trillion का दुनिया का तीसरा देश होगा।

महाराष्ट्र जिस की आबादी 12 करोड है, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने $16.8 billionn का MoU हस्ताक्षर किया है, जिस मे Belrise Industries और ताईवान के दोपहिया वाहन Gogoro के साथ बैटरी स्वैपिंग कारखाना बनाने का समझौता किया है।

वियतनाम, इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में अधिक से अधिक निवेश आकर्षित कर रहा है।चीन भी अधिक निवेश आकर्षित कर रहा है क्योकि चीन का बुनियादी ढाँचा तथा इंफ्रास्ट्रक्चर भारत की तुलना मे बहुत अधिक विकसित है, जिस से निर्माताओं के लिए नई लागत और जोखिम कम पैदा होता हैं।
==============
Comments on the Post

Mohammed Seemab Zaman 25-30 साल से भारतीय व्यवसायी के एलावा कांग्रेसी नेता लोग दावोस खूब घूमने जाते थे। मध्यप्रदेश के कमल नाथ जो एक बडे बिजनेसमैन हैं, पिछले 15 साल से सरकारी पैसा पर लगातार दावोस जाते रहे थे, मगर कभी कोई बडा निवेश मध्यप्रदेश मे लेकर नही आये।