Post of 7th August 2020
अयोध्या के शिला पूजन के दो दिन पहले डा० मनमोहन सिंह ने दि हिन्दू अखबार मे लिखा है कि सरकार को पूरे इकोसिस्टम (Eco-system) को दुरुस्त करने की ज़रूरत है क्योकि देश आज एक “बहुत की ख़तरनाक मेलेटरी, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था के त्रिमूर्ति पर खडा है”
यह भी चेताया है कि रिज़र्व बैंक से पैसा छाप (RBI Monetisation) कर आप देश नही बचा सकते हैं। यह कोविड बिमारी पहले सात साल से चले आ रहे खराब अर्थव्यवस्था के कारण “एक पुश्त को बर्बाद” कर दे गा।
मनमोहन सिंह ने लिखा है “आर्थिक संकुचन केवल अर्थशास्त्रियों के विश्लेषण और बहस के लिए जीडीपी नंबर नहीं है।इसका अर्थ है कई वर्षों की प्रगति का उलटा असर हमारे समाज के कमजोर वर्गों की एक बड़ी संख्या पर पडे गा जो एक विकासशील देश के लिए दुर्लभ घटना है।”
“कई उद्योग बंद हो सकते हैं। गंभीर बेरोजगारी के कारण एक पूरी पीढ़ी खत्म हो सकती है। संकुचित अर्थव्यवस्था के चलते वित्तीय संसाधनों में कमी के कारण अपने बच्चों को खिलाने और पढ़ाने की हमारी क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले गा। आर्थिक संकुचन का घातक प्रभाव लंबा और गहरा है।”
नोट: डा० मनमोहन सिंह ने पढे लिखे क़ाबिल आदमी के तरह समझा दिया। मगर मेरे तरह मामूली आदमी “चीनी-कोरोना” लिख कर चेता देता है कि इस का घातक प्रभाव लंबा और गहरा है जो एक पुश्त रोये गा। मगर हम यह भी लिखते हैं “वन्स मोर मोदी” ताकि यह और इन के बूद्धिजीवी भूगतें। (लिंक कौमेंट मे, कृप्या पूरा पढे)