Post of 19 March 2022

जानते हैं उत्तर भारत क्यो आज देश का सब से गरीब राज्यों मे है? अभी तो हिन्दुत्वा, तिलाक़, हेजाब और तेल के मार से और भी बरबादी होनी बाकी है।

भारत 2008 मंदी के बाद 2016 मे भूखा देश के सूचकांक पर 97 पैदान पर आ गया क्योकि 2012-14 तक तेल का दाम दुनिया मे बहुत बढा था। 2014 मे तो एक समय तेल का दाम $150 हो गया था, मगर डा० मनमोहन सिंह ने तेल पर सब्सिडी जारी रखा जिस से महगाई नही बढ़ी और विकास हुआ और लोगो को नौकरी मिली और देश बच गया।

मगर 2014 मे गुजरात मॉडल के बीजेपी सरकार आने के बाद अंधे हो गये दिल के अर्थशास्त्रीयो ने विकसित देशो के मॉडल पर तेल/गैस पर सब्सिडी ख़त्म कर उर्जा को महँगा कर औघोगिक विकास को ख़त्म कर उसी सब्सिडी के पैसा से गॉव-देहात मे हिन्दुत्वा का विकास कर ग़रीबों के ज़ेहन मे ज़हर घोल कर उत्तर भारत मे सरकार बनाते रहे।

लोगो का बैंक खाता खूला, सरकार गैस सब्सिडी के नाम पर, कृषि के खाद या बिजली के नाम पर, ग़रीबी के नाम पर तरह तरह के Scheme (योजना) के नाम पर 500-1000 रूपया दे कर अपना वोट बैंक बढ़ाती रही।

बडे उद्योगपति उर्जा महँगा होने और चुनाव का चंदा देने के कारण बिजनेस नही कर पाये और देश छोड कर भाग गये, बैंक डूब गया और देश मे रोज़गार पैदा नही हो सका।आज नीति आयोग के डेटा के अनुसार बिहार की आबादी (8 करोड) के बराबर उत्तर प्रदेश मे 8 करोड गरीब हैं, झारखंड की आबादी (4 करोड) के बराबर बिहार के 4 करोड लोग गरीब है और यही हाल क्रमश: पूरे देश का है।

तेल का दाम इस साल $100 से कम नही होगा और देश मे विकास नहीं होगा, हिमालय मे बर्फ पिघले गा, अरब देश भारत मे निवेश नही करें गें, बेरोजगारी बढे गी, ग़रीबी बढे गी, हिन्दुत्वा का नशा उतरे गा।