Post of 3rd March 2024

इकोनॉमिस्ट, लंदन पत्रिका ने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के अशोक मोडी का एक लेख प्रकाशित किया है। मोडी लिखते हैं कि “भारत नैतिक नेतृत्व की कमी के कारण अवरुद्ध है और भारत को बेहतर राजनेताओं और अधिक नागरिक संस्कृति की आवश्यकता है।”

अशोक मोडी लिखते हैं कि दिसंबर 2023 में फ्रांस ने 303 भारतीयों को फ्रेंच वैट्री हवाई अड्डे पर हिरासत में उस समय लिया जब वह UAE से वाया फ़्रांस Nicaragua जा रहे थे ताकि निकारगुआ से अवैध रूप से वह अमेरिका मे प्रवेश कर रोज़ी-रोटी कमाये।

Pew Research Centre के अनुसार भारत में बे-रोज़गारों का यह हाल है कि अफ़्रीकी नागरिकों के तरह भारतीय भी अब 2017 से अवैध रूप से अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रलिया जा रहे हैं।

अशोक मोडी लिखते हैं कि बे-रोज़गारी और किसानी का यह हाल है कि महाराष्ट्रा के 200,000 मराठा किसान मुम्बई आकर नौकरी और शैक्षणिक संस्था मे आरक्षण माँग रहे हैं। ग़रीबी बढ़ गई है जिस के कारण सरकार 60% आबादी को 2029 तक 5 किलो अनाज फ्री देने की योजना जारी रखने का संकल्प किया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद हमारे संघ विचारकों का राजनीतिक अभियान का केंद्र रहा है और उसी क्रम में वह लोग समय समय पर अखण्ड भारत बने गा का नारा भी देते रहते हैं मगर इसी वर्ष संघ की सरकार ने नरसिम्हा राव को भारत रत्न दे दिया, जिन्होंने 1993 मे भारत की ज़मीन चीन को देकर भारत का नक़्शा हमेशा के लिए बदल दिया मगर चीन पुनः 2020 कोरोना कालखंड मे विस्तारवादी हो गया।

दुबई, क़तर और सऊदी अरब में हम भारतीय मज़दूरी कर दुबई को दुनिया का आठवाँ अजूबा बना दिया। क़तर जिस की आबादी 33 हज़ार है, वह विश्वस्तरीय खेल का आयोजन भारतीय मज़दूरों के कारण करने लगा। अरब देशों ने हम भारतीय मज़दूरों का नाम पत्थर पर खोद कर ऐतिहासिक स्मारक बना दिया ताकि हज़ारों साल बाद भारत की ग़रीबी का प्रमाण रहे।

भारत में बेरोज़गारी का यह हाल है कि भारतीय लोग रूस-यूक्रेन लड़ाई में शामिल हो कर मज़दूरी करने जा रहे हैं और मर रहे हैं।इसराइल जाकर लड़ने और मरने के लिए आवेदन दे रहे हैं।

यहॉ मेरे कहने की जरूरत नहीं है कि अब दो दशकों से बदले जियोपौलिटिकल युग मे आने वाले वर्षों मे भारतीय वैश्विक व्यापार पर ख़राब असर पड़े गा। बे-रोज़गारी तथा मुद्रास्फीति के खिलाफ लड़ाई भी अभी तक जीती नहीं गई है, ब्याज दरों में उतनी तेजी से गिरावट नहीं हो सकती जितनी निवेशक उम्मीद करते हैं। शेयर बाज़ारों पर दांव लगाना आपकी मूर्खता होगी और मंदी का समय लगभग असंभव है।

रूस-यूक्रेन युद्ध, इसराइल-प्रतिरोधी ताक़तों के मार-काट तथा यमन के हूथियो का लाल सागर में मालवाहक जहाज़ को miniature submarine से भविष्य मे डुबाना भारतीय आयात-निर्यात को एक बड़ी परीक्षा का सामना करना पड़े गा।

#नोट: दुआ है कि हम भारतीय घर्म, ज़ात-पात, गाय-गोबर से उठ कर राष्ट्रवादी बनें और भड़काऊ ग़लत नारा से दूर रहें, शरीर नहीं आत्मा बदलें।

“देश में दंगा फसाद इस को tolerate नहीं करना है, राज रहे चाहे राज जाये”