Post of 20 December 2023
2014 से जो लोग खुश थे कि उर्दू नाम वालों की चूड़ी काटी जा रही है, अब 2023 से उन की चूड़ी कटनी शुरू हो गई। जो खुश हो रहे थे वह होश के नाखून लें और अपने गंजे पन का एलाज ढूँढे।
उर्दू नाम वाले न बौखलायें न घबराये, न दायें देखें न बॉयें, भारतीय राजनीति से 5-10 साल के लिए “तीन तलाक़” ले लें, चुनाव मे NOTA का बटन दबायें।
भारतीय राजनीति अब उर्दू नाम वालों के लिए नहीं है, यह कटवा और भडूवा तथा महामहिम के मिमिक्री (Mimicry) करने वालों की राजनीति हो गई है।उर्दू नाम वाले अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर अपना ध्यान केंद्रित रखें।
अमृत काल मे अंतरराष्ट्रीय राजनीति दुनिया बदलने की राजनीति चल रही है। 2024 मे दुनिया की राजनीति और एशिया बदले गा, अंततोगत्वा देश की राजनीति को बदलना ही होगा।
#नोट: जिन का कल खडगे पर दिल धडका वह यह जान ले फिर 2024 मे जब छू-मंत्र हो जाये गा, जैसे वर्तमान में तीन हिन्दी भाषी राज्यों में हुआ, तो उस के बाद I.N.D.I.A और भारत के सारे नेतृत्व ज़िल्लेएलाही द्वारा आनारकली बना दिये जाये गें, कुछ से मुजरा कराया जाये गा, कुछ को दिवारों में चुन दिया जाये गा, जो बचे गें वह किसी खेल में नहीं होंगे बल्कि जेल में हों गें या बेल पर हो गें।
निचे “बाब अल मंदब” (باب المندب) जिस को “विलाप का द्वार” और “Gate of Tears” कहा जाता है, उस पर नज़र रखे।
==============
Some comments on the Post
Mohammed Seemab Zaman सब लोग बाब अल मंदब पर नज़र रखिये। इसी रास्ते भारत में लोग अफ़्रीका और मिस्री सभ्यता से रोते और विलाप करते भारत में आ कर बसे थे। यह रास्ता हिन्द महासागर का एक ऐतिहासिक रास्ता है।
Syed Asif Ali, Mohammed Seemab Zaman सर बाब अल मंदब मे अमेरिकी क्यादत मे 40 देशो की फौज बन रही यमन के खिलाफ। क्या इससे हूथी पर असर पड़ेगा।।??
और क्या इस फौज मे सऊदी शामिल होगा??